22 साल का खत्म होगा इंतजार, कैमूर पहाड़ी पर बनेगा पहला थाना, दिसंबर तक भवन हो जाएगा तैयार
रोहतास के नौहट्टा प्रखंड स्थित कैमूर पहाड़ी पर रेहल में पहला थाना खुलने जा रहा है। 4 करोड़ 33 लाख से अधिक की लागत से बन रहे इस थाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। 22 साल बाद ग्रामीणों की मांग पूरी हो रही है जिससे अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी और दूरस्थ गांवों तक पुलिस की पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी।

प्रेम कुमार, डेहरी आनसोन, रोहतास। नौहट्टा प्रखंड के कैमूर पहाड़ी पर पहला थाना रेहल में स्थापित होने जा रहा है। पुलिस भवन निर्माण प्रमंडल डेहरी द्वारा चार करोड़ 33 लाख चार हजार 600 रुपए की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है।
साल 2011 तक इस क्षेत्र में नक्सलियों का प्रभाव था। रेहल में ही साल 2003 में तत्कालीन वन प्रमंडल पदाधिकारी शहीद संजय सिंह की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। तत्कालीन एसपी मनु महाराज के प्रयासों से यह क्षेत्र नक्सल मुक्त हुआ और उसी समय गांव ने थाना खोलने की अनुशंसा राज्य मुख्यालय और गृह विभाग को भेजी थी। 22 सालों के बाद अब पहाड़ पर पहला थाना खुलने जा रहा है, जिससे रेहल गांव के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
वर्तमान में कैमूर पहाड़ी पर बसे राजस्व ग्राम रेहल, चुंदा, पिपरडीह के सभी 33 टोला, सलमा लौड़ी, हुरमेटा, शोली, जेमरदाग, बरकट्टा, हरैयाडीह, जोन्हा, चान्हो डीह की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी मैदानी भाग में स्थित नौहट्टा थाना के पास है।
1580 फीट ऊंचे कैमूर पहाड़ी पर बसे गांवों में किसी भी प्रकार के अपराध या दुर्घटना होने पर नौहट्टा थाना के पुलिस को वहां पहुंचने में तीन से चार घंटे लगते हैं। इसके अलावा, अधिकांश गांवों में मोबाइल नेटवर्क की कमी के कारण अपराध की सूचना थाने तक पहुंचने में दिनभर का समय लग जाता है।
पुलिस पहाड़ी गांवों में गश्ती भी नहीं कर पाती है, जिससे अपराधी और नक्सली इन गांवों को सुरक्षित मानते हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण शिक्षा के अभाव में पुलिस तक हर आपराधिक घटना की सूचना भी नहीं पहुंच पाती है। बंडा से सलमा गांव तक तीस किलोमीटर के क्षेत्र में जंगल और पहाड़ के बीच कई गांव स्थित हैं।
क्या क्या है थाना भवन में
थाना भवन में पुलिस बैरक, कंप्यूटर कक्ष, वायरलेस कक्ष, थानाध्यक्ष निवास, हाजत, सिसरिता, आम जन को बैठने की व्यवस्था, माल खाना, बाउंड्री समेत सभी आधुनिक व्यवस्था की गई है।
चार करोड़ तैंतीस लाख चार हजार 600 रुपए की राशि में बाउंड्री के साथ-साथ सभी आधुनिक संसाधनों के साथ फाइव जी भवन का निर्माण किया गया है। दिसंबर तक निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। - संदीप कुमार, कनीय अभियंता
भवन निर्माण के कुछ कार्य शेष हैं। कार्य निष्पादन तीव्रता से की जा रही है। ताकि थाना का संचालन किया जा सके। पहाड़ी गांव के लोगों को सुरक्षा व्यवस्था के साथ विधि व्यवस्था की सुविधा दी जा सके। - रौशन कुमार, आरक्षी अधीक्षक
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