सरकारी मनाही के बावजूद पराली जला रहे किसान, कृषि पदाधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
काराकाट में सरकारी मनाही के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं, जिससे मिट्टी और फसल को नुकसान हो रहा है। जयश्री और शहरी गांव के बीच खेतों में आग की लपटें ...और पढ़ें

मनाही के बावजूद पराली जला रहे किसान
संवाद सूत्र, काराकाट। सरकार व सरकारी तंत्र की लाख मनाही व जागरूकता के बाद भी कुछ लोग खेतों में पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। तात्कालिक सुविधा के लिए ऐसे किसान आगलगी से खेतों की मिट्टी व उपज को होने वाले नुकसान को भी भूल जाते हैं या फिर जानबूझकर दरकिनार कर देते हैं।
बस इन्हें यही सूझता है कि किसी तरह बुआई का काम निपट जाए। गुरुवार की रात जयश्री व शहरी गांव के बीच के खेतों से लगातार आग की लपटें उठ रही थी। यह आग किसी किसान द्वारा खेतों में पसरे फसल अवशेष जलाने के लिए रात के अंधेरे में लगाई गई थी।
दूसरे खेतों को भी आग से खतरा
बगल के किसान इस आशंका में उधर चहलकदमी कर रहे थी कि बगल के खेत से उठ रही आग की लपटें कहीं उनके खेत में लगी धान की फसल को अपनी चपेट में न ले ले। जबकि पराली में आग लगाने वाला किसान बाहर-बाहर निगरानी कर रहा था कि कोई उनके खेत का फोटो न ले सके।
पास के मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों पर भी कड़ी नजर रखा जा रहा था। मतलब साफ है कि वह इस आगलगी को लेकर कानूनी पचड़े में भी नहीं पड़ना चाहता था।लगातार हो रही आगलगी की इन घटनाओं में वृद्धि से वैसे किसान जिनकी फसल कभी ऐसी आगलगी की भेंट चढ़ चुकी है, खासे आक्रोशित हैं।
कार्रवाई नहीं होने से मनोबल बढ़ा
उनका कहना है कि ऐसा कृषि समन्वयक,कृषि सलाहकार व बीएओ की लापरवाही से हो रहा है। वैसे लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होने से उनका मनोबल बढ़ रहा है। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कि जाती।
प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी दिलीप कुमार पटेल नया होने की रोना रोते हुए वैसे किसानों को चिन्हित कर बीज आदि सरकारी लाभ से वंचित करने की बात कही।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।