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    हर किसान की बनेगी डिजिटल पहचान, योजनाओं का लाभ मिलेगा सीधे: फार्मर आईडी को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 03:54 PM (IST)

    रोहतास, बिहार में किसानों के लिए फार्मर आईडी को लेकर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को डिजिटल पहचान प्रदान क ...और पढ़ें

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     हर किसान की एक डिजिटल पहचान

    संवाद सहयोगी, डेहरी ऑन सोन (रोहतास)।अब किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए बार-बार कागजी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। हर किसान की एक डिजिटल पहचान (फार्मर आईडी) तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर कृषि से जुड़ी सभी सरकारी और कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। यह जानकारी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी प्रियंका रानी ने दी। वे डेहरी प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।

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    यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान कृषि (कृषोन्नति योजना) के अंतर्गत फार्मर रजिस्ट्री योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर आयोजित किया गया था।

    कार्यक्रम में कृषि समन्वयक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, हल्का कर्मचारी और किसान सलाहकारों को फार्मर रजिस्ट्री से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनर के स्तर से कर्मियों को ई-केवाईसी प्रक्रिया और फार्मर आईडी जेनरेट करने की तकनीकी जानकारी दी गई।

    कार्यक्रम का शुभारंभ अनुमंडल कृषि पदाधिकारी प्रियंका रानी, उप परियोजना निदेशक आत्मा रोहतास संतोष कुमार और प्रखंड कृषि पदाधिकारी आत्मा अभिषेक तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

    इस अवसर पर प्रियंका रानी ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को योजनाओं से जोड़ना, कृषि सेवाओं को आधुनिक और पारदर्शी बनाना तथा किसानों का एक सटीक डिजिटल डाटाबेस तैयार करना है।

    उन्होंने बताया कि फार्मर आईडी में किसान की भूमि से संबंधित विवरण, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य आवश्यक जानकारियां दर्ज रहेंगी।

    इससे फसल क्षति या आपदा की स्थिति में मुआवजा देने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो जाएगी। साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि, बीज अनुदान, फसल बीमा और अन्य योजनाओं का लाभ सीधे किसान को मिल सकेगा।

    प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि फार्मर आईडी बनवाने के लिए किसानों को आधार कार्ड, भूमि से संबंधित दस्तावेज (खाता-खेसरा) और सक्रिय मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा।

    बिना पंजीकरण के किसान भविष्य की कई महत्वपूर्ण योजनाओं से वंचित रह सकते हैं। प्रक्रिया के तहत पहले आधार के माध्यम से ई-केवाईसी होगी, फिर भूमि अभिलेखों का सत्यापन किया जाएगा और अंत में ई-साइन के माध्यम से फार्मर आईडी जारी की जाएगी।

    परियोजना निदेशक आत्मा संतोष कुमार ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर का अहम हिस्सा है। भारत सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभुकों के लिए फार्मर आईडी को अनिवार्य कर दिया है।

    उन्होंने सभी प्रखंड और पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक किसानों का समयबद्ध पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

    मौके पर रितेश कुमार, कुंदन सेठ सहित कई अन्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।