'राजा ने दरिद्र को माना नारायण'
सूर्यपुरा (रोहतास) : स्थानीय उच्च विद्यालय के सभागार में सोमवार को प्रख्यात साहित्यकार राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह की जयंती धूमधाम से मनायी गयी। उपस्थित लोगों ने उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा जताई। वक्ताओं ने उनके साहित्यिक सफर को अविस्मरणीय बताते हुए उनकी रचनाओं राम रहीम, गांधी टोपी, चुम्बन और चांटा आदि पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। प्रधानाध्यापक रामकृपाल ने कहा कि उनकी कथाओं के शब्द काफी मार्मिक व हृदय स्पर्शी हैं। अपनी रचनाओं में उन्होंने दरिद्र को नारायण माना है। जो पढ़ने मात्र से ही मानव के जीवंत चरित्र को याद करा जाता है। इस मौके पर प्रति वर्ष की तरह मैट्रिक परीक्षा में सफल छात्र-छात्राओं में प्रथम राणा कुमार व स्वीटी कुमारी, द्वितीय दिनेश कुमार व विद्या कुमारी तथा तृतीय गोविंद कुमार एवं प्रिया कुमारी को राजा राधिका रमण पुरस्कार के तहत 501 रुपये, रानी ललिता देवी पुरस्कार के तहत 301 रुपये व ई. रामनाथ सिंह सहदेईया पुरस्कार के तहत 201 रुपये व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर राज नारायण सिंह, श्याम नाथ पांडेय, रामजी पांडेय, नरेन्द्र कुमार सक्सेना, विजेन्द्र सिंह, विमलेश कुमार मिश्रा, प्रवेश सिंह, कन्हैया लाल, मंटू यादव, स्काउट एण्ड गाइड के उज्ज्वल कुमार मिश्रा, थानाध्यक्ष कमाल अख्तर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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