अब उठी भोजपुरी अंचल राज्य की मांग
निज प्रतिनिधि, दिनारा (रोहतास) : दक्षिण में अलग तेलंगाना, पश्चिम बंगाल में गोरखालैण्ड व मणिपुर में अलग राज्य की मांगों की कड़ी में भोजपुरी अंचल राज्य की मांग भी जुड़ गयी है। भोजपुरी अंचल राज्य बनाओ संघर्ष समिति ने भोजपुरी सामाजिक, सांस्कृतिक परिवेश वाले जिलों को मिलाकर अलग राज्य के लिए संघर्ष तेज करने का एलान किया है। समिति के संयोजक प्राचार्य डा. रामेश्वर सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सितम्बर के प्रथम सप्ताह में वाराणसी में एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के 18 जिलों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। डा. सिंह ने कहा कि बिहार के भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमूर, हाजीपुर, वैशाली, छपरा, सिवान, गोपालगंज, उत्तर प्रदेश के बलिया, देवरिया, आजमगढ़, मिर्जापुर, चन्दौली, वाराणसी, राबर्टगंज तथा मध्य प्रदेश के सिद्धि जिले को मिलाकर भोजपुरी अंचल राज्य का गठन होना चाहिए। इन जिलों की आबादी लगभग 9 करोड़ है। आज यह पूरा इलाका अत्यंत पिछड़ा है। इन क्षेत्रों का अपेक्षित आर्थिक व शैक्षणिक विकास नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि वाराणसी में आयोजित होने जा रहे सेमिनार में भोजपुरी राज्य की रूपरेखा तय की जाएगी तथा भोजपुरी भाषाई जिलों के छोटे-छोटे संगठनों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाएगा। ताकि अपनी मांग को केन्द्र सरकार तक पुरजोर रूप से पहुंचाया जा सके। इसके अलावा भोजपुरी भाषा को संविधान के 8वें अनुच्छेद में जोड़ने की भी मांग तेज की जाएगी।
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