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    Bihar Voting 2025: सीमांचल में बंपर वोटिंग ने बदला समीकरण, महागठबंधन या NDA; किसे मिलेगा फायदा?

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 03:31 PM (IST)

    पूर्णिया में, राज्य सरकार की महिलाओं को रोजगार के लिए दस हजार की सहायता ने चुनावी माहौल बदल दिया है। सीमांचल के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में यह मिथक टूट सकता है। भारी मतदान और महिलाओं के उत्साह ने सियासी पंडितों को चौंका दिया है। राशन और बिजली के साथ रोजगार का मुद्दा भी छाया रहा। वक्फ बोर्ड कानून और एसआईआर पर नाराजगी है।

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    सीमांचल महिलाओं ने की जमकर वोटिंग। फोटो जागरण

    प्रकाश वत्स, पूर्णिया। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को रोजगार के लिए दस हजार की सहायता ने यहां की चुनावी धारा को प्रभावित किया है। मुस्लिम बाहुल्य सीमांचल के पूर्णिया, अररिया, कटिहार व किशनगंज में चुनाव की धारा को अलग नजरिए से देखा जाता रहा है।

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    यह मिथक विधानसभा चुनाव 2025 में पूरी तरह टूटने के संकेत दे रहे हैं। इस इलाके के 24 विधानसभा क्षेत्र में कई पर चौकाने वाले परिणाम आने की संभावना मतदान के दौरान ही झांकती नजर आयी।

    बंपर वोटिंग व फिर महिलाओं का बड़ा उत्साह भी सियासी प्रेक्षकों की गणना को धता बता सकता है। राशन व बिजली की चमक में भी इवीएम का बटन दबा है और रोजगार का शोर अपनी सीमाओं में कैद रह गया है।

    वक्फ बोर्ड को लेकर बने नये कानून व एसआइआर की धारा की घेराबंदी मजबूत थी, लेकिन छेद भी साफ झांक रहे थे। पूर्णिया के अमौर व बायसी विधानसभा क्षेत्र में एआइएमआइएम व महागठबंधन में जंग ने जो रुप लिया, उससे भी इस धारा का नया प्रवाह साफ दिखा।

    गंगा किनारे का कटिहार जिले का कदवा विधानसभा क्षेत्र हो या फिर नेपाल की सीमा पर बसा फारबिंसगंज सीट...। हर सीट पर उत्साह का भी नया रंग था। पूर्णिया जिले के कसबा, धमदाहा, सहित अन्य सीटों पर रोजगार का शोर भी एक सीमा में बंधी नजर आयी।

    विकास की चमक मतदान केंद्रों तक पहुंच रही थी। शहरी इलाको में पूर्णिया हवाई अड्डे का शोर भी दिखा तो कारोबारियों ने अपने अच्छे दिन पर मुहर लगायी।

    नीतीश के दस हजार ने किया कमाल

    धमदाहा विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 75, 76 व 77 के समीप अपनी धान की फसल तैयार करा रहे चिकनी गांव के बिंदू नाथ झा ने कहा कि वे भी वोट डाल चुके हैं और कार्य में लगे सभी मजदूर भी वोट डालकर अपना काम कर रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि वोट का माहौल बदला है। महिलाओं में वोट को लेकर जो उत्साह बढ़ा है, वह काबिलेतारीफ है। साथ ही यह एक नया संकेत भी है। इस वोट से वोट गिराकर निकली झकसू ऋषि की पत्नी सुगनी देवी ने बताया कि उन्होंने वोट दे दिया है।

    किसको वोट दिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि गांव में बिजली, सड़क सब कुछ हो गया। राशन भी मिल रहा है। दस हजार रुपये भी काम करने के लिए दिया है। जो किया है, उसे मैंने वोट दिया है।

    रोजगार और भष्टाचार भी मुद्दा 

    पूर्णिया शहर से सटे वनभाग बूथ पर वोट देकर निकले मु. अजमत ने कहा कि सब अपनी-अपनी इच्छा से वोट दे रहा है। ज्यादा वोट यहां लालटेन को जा रहा है। वक्फ बोर्ड कानून व एसआइआर को लेकर लोगों की नाराजगी है। रोजगार व भ्रष्ट्राचार भी मुद्दा है। कुछ लोग जदयू को भी वोट दे रहे हैं, यह उनकी इच्छा है।

    पूर्णिया सदर विधानसभा क्षेत्र के मधुबनी चौक पर वोट देकर लौट रहे दुर्योधन कुमार ने कहा कि निश्चित रुप से चुनाव में जाति व धर्म का घेरा है, लेकिन विकास के शोर का प्रभाव भी है। हवाई जहाज उड़ रहा है तो हर कान तक आवाज पहुंच रही है।

    आंखों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव में मिले दर्द भी कैद हैं...। राजनीति में अपनी परख रखने वाले मनोज कुमार ने बताया कि सीमांचल के लिहाज से यह चुनाव परिणाम एक नया संकेत लेकर आने वाला है...।