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    बायसी सीट से 6 बाजी जीतने वाले हाजी बिगाड़ेंगे RJD का खेल! तेजस्वी दिखाएंगे सैयद रुकनुद्दीन पर विश्वास

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 06:44 PM (IST)

    पूर्णिया के बायसी विधानसभा क्षेत्र में राजद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पूर्व मंत्री हाजी सुभान जो छह बार विधायक रहे उनकी दावेदारी से पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई है। एआईएमआईएम के सैयद रुकनुद्दीन के राजद में शामिल होने से स्थिति और जटिल हो गई है क्योंकि दोनों नेता टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं।

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    पूर्व मंत्री हाजी सुभान और विधायक सैयद रुकनुद्दीन। (फाइल फोटो)

    प्रकाश वत्स, पूर्णिया। परमान, दास, कनकई, बकरा नदी को खुद में समाते हुए बायसी अनुमंडल मुख्यालय महानंदा नदी पहुंचती है।

    बायसी विधानसभा क्षेत्र में नदियों का आनंद भी है और बाढ़ का दर्द भी। यहां निर्णायक अल्पसंख्यक वोट बैंक गत विधानसभा चुनाव में अपना अलग फैसला सुनाया था। छह बार इस विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने वाले राजद नेता सह पूर्व मंत्री हाजी सुबहान चुनाव में चित हो गए थे।

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    एआईएमएआईएम से टिकट लेकर सैयद रुकनुद्दीन चुनाव जीतने में कामयाब हो गए थे। यहां का परिणाम सुर्खियों में रहा था। अब सैयद रुकनुद्दीन राजद में आ चुके हैं। ऐसे में हाजी सुबहान या फिर रुकनुद्दीन पार्टी किसे मैदान में उतारेगी, यह पार्टी का निर्णय होगा।

    इधर पार्टी जिसे भी मैदान में उतारे मगर छह बाजी वाले हाजी सुबहान मैदान में होंगे ही। ऐसे में राजद की परेशानी अभी से वहां झांकने लगी है।

    पूर्व मंत्री हाजी सुबहान ने 40 साल पूर्व 1985 में बायसी विधानसभा क्षेत्र से पहली जीत दर्ज की थी। यद्यपि बीच में एक बार भाजपा भी वहां कमल खिलाने में सफल रहा और हाजी सुबहान चुनाव हार गए थे। उसके बाद से हाजी सुबहान का सिक्का वहां चलता रहा।

    पार्टी में सम्मान कायम

    वर्ष 2020 के चुनाव में मिली हार फिर सैयद रुकनुद्दीन के पार्टी में शामिल होने के बाद भी पार्टी में उनका सम्मान कायम रहा है। पार्टी के कार्यक्रमों में भी उनकी सक्रियता बनी रहती है। इधर सैयद रुकनुद्दीन भी टिकट के प्रति आश्वस्त होेकर चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं।

    इधर पूर्व मंत्री हाजी सुबहान का कहना है कि राजद से उनका नाता जीवन भर का है। वे आश्वस्त है कि पार्टी का टिकट उन्हें ही मिलेगा। पार्टी आलाकमान के निर्देश पर वे चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं। वे चुनाव लड़ेंगे, यह भी तय है। वे किसी दूसरे दल में भी नहीं जाएंगे लेकिन चुनाव मैदान में रहेंगे।

    वे निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में भी चुनाव मैदान में उतरेंगे। इस चलते बायसी में पार्टी भी दो धरा में बंटा साफ दिख जाता है। इधर यह माना जा रहा है कि एआईएमएआईएम विजयी प्रत्याशी के पार्टी बदलने से बदले की भावना में है। ऐसे में सैयद रुकनुद्दीन को घेरने में पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।

    AIMIM की नजर हाजी पर

    पार्टी की पैनी नजर हाजी सुबहान पर टिकी हुई है। यद्यपि हाजी सुबहान इस कयास को फिलहाल आधारहीन मानते हैं। उनका साफ कहना है कि उनकी निष्ठा पार्टी के प्रति सदैव बनी रहेगी।

    इधर किशनगंज लोकसभा का अंग होने के कारण इस क्षेत्र के लोगों को वोटिंग ट्रेंड किशनगंज से भी प्रभावित होता है। राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि यहां अब भी विकास वोट का आधार पूरी तरह नहीं बन पाया है।

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