जागरण संवाददाता, पूर्णिया। शहर के मंगल कालोनी निवासी और भारतीय सेना से अवकाश प्राप्त सूबेदार पवन कुमार जयसवाल ने इस पितृ पक्ष में अपने पितरों को एक अनोखी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उन्होंने अपने दिवंगत पिता भगवान प्रसाद जायसवाल के नाम पर भगवान प्रसाद जायसवाल पुस्तकालय की स्थापना की। इस पुस्तकालय का उद्घाटन देश के प्रसिद्ध कथाकार और उपन्यासकार चंद्रकिशोर जायसवाल ने किया।
समारोह की अध्यक्षता प्रसार भारती से सेवानिवृत्त विजय नंदन प्रसाद ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि माधव नगर कॉलेज के प्राचार्य डा. मुहम्मद कमाल उपस्थित रहे।
अतिथियों का स्वागत करते हुए पवन कुमार जायसवाल ने कहा कि उनके पिता ने उन्हें ऊं चाइयों को छूने की प्रेरणा दी। उन्होंने समाज को कुछ देने की आवश्यकता महसूस की और साहित्य के प्रति अपने लगाव के चलते इस पुस्तकालय की स्थापना की।
चंद्रकिशोर जायसवाल ने कहा कि पवन ने मातृभूमि की सेवा के साथ-साथ साहित्य से भी नाता जोड़ा है, जो एक नई पहल है। डॉ. मुहम्मद कमाल ने पुस्तकालय की आवश्यकता पर जोर देते हुए पवन के प्रयासों की सराहना की।
वरिष्ठ कवि विजय नंदन प्रसाद ने कहा कि पुस्तकें बौद्धिक चेतना की नींव होती हैं। प्रो. गिरीश कुमार सिंह ने पुस्तकालय के सुचारु संचालन के लिए सामाजिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत माता सरस्वती की वंदना से हुई, जिसमें कई कवियों ने भाग लिया। मंच संचालन राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक संजय कुमार सिंह ने किया।
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