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    भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने खेली फूलों की होली

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 30 Mar 2022 05:40 PM (IST)

    संस बनमनखी (पूर्णिया) प्रखंड क्षेत्र के काझी ब्राह्मण टोला स्थित श्रीकृष्ण मंदिर प्रांगण में आय ...और पढ़ें

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    भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने खेली फूलों की होली

    संस, बनमनखी (पूर्णिया) : प्रखंड क्षेत्र के काझी ब्राह्मण टोला स्थित श्रीकृष्ण मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान श्रीधाम वृंदावन से पधारे कथावाचक व्यास अवधेशजी महाराज ने श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता के प्रसंग का भावपूर्ण वाचन किया। कथावाचन के दौरान सुदामा चरित्र, बृज की फूलों की होली, सुखदेव विदाई का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि हमेशा धर्म के मार्ग पर चलें। कर्म करो, लेकिन फल की इच्छा मत करो। कर्म करने वाले को उचित फल अवश्य मिलता है। उनके बताएं सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला भक्त जीवन में कभी हार का सामना नहीं करता है। सुदामा चरित्र का बखान करते हुए कहा कि संसार में मित्रता भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए। आधुनिक युग में स्वार्थ के लिए लोग एक दूसरे के साथ मित्रता करते हैं और काम निकल जाने पर वे एक दूसरे को भूल भी जाते हैं। जीवन में प्रत्येक प्राणी को परमात्मा से एक रिश्ता जरूर बनाना चाहिए। भगवान से बनाए गए वह रिश्ता जीव को मोक्ष की ओर ले जाएगा। उन्होंने श्रीकृष्ण व सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि स्वाभिमानी सुदामा ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सखा कृष्ण का चितन और स्मरण नहीं छोड़ा। जिसके फलस्वरूप कृष्ण ने भी सुदामा को परम पद प्रदान किया। कथा के अंत में बृज की फूल होली खेली गई। इस दौरान सुदामा के श्रीकृष्ण के पास द्वारका नगरी पहुंचने की झांकी उपस्थित जनों को भाव विभोर कर दिया। भागवत पुराण से संपूर्ण काझी सहित अगल-बगल के गांव भाव विभोर हो रहे हैं। भगवत कथा के आयोजन कराने वालों में मुख्य रूप से सुभाषचंद्र झा, धीरेंद्र नारायण झा, नवीन मिश्र, संजीव झा, नरेंद्र कुमार झा, ब्रजेश मिश्र, अनित कुमार मंटी, अमित कुमार, सत्यदेव झा सहित सैकड़ों ग्रामीण जुटे हुए हैं।

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