Purnia News: अवैध वसूली पर एमवीआई पर गिरी गाज, बैरंग वापस मुख्यालय भेजा; परिवहन विभाग ने मांगा आरोप पत्र
पूर्णिया में आरटीओ कार्यालय के एमवीआई राम जनम को अवैध वसूली की शिकायतों के बाद निलंबित कर दिया गया है। प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने उन्हें परिवहन विभाग में वापस भेज दिया है। परिवहन विभाग ने एमवीआई के खिलाफ आरोप पत्र भी गठित किया है। उन पर पटना के वाहन और परिवहन विभाग के जवान के साथ मिलकर अवैध वसूली करने का आरोप है।

राजीव कुमार, पूर्णिया। पूर्णिया की सड़कों पर रात के अंधेरे में सुनसान स्थानों पर पटना के वाहन एवं हाइजेक परिवहन विभाग के जवान को साथ में रखकर आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई द्वारा अवैध वसूली किया जाना मंहगा पड़ा है।पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई राम जनम की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उन्हें तत्काल परिवहन विभाग में बैंरग वापस भेज दिया है।
आयुक्त की इस कार्रवाई के बाद परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव ने भी आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई को तत्काल प्रभाव से परिवहन विभाग के मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कर दिया है।
इसके अलावा, परिवहन विभाग ने इस मामले आरोप पत्र गठित कर एमवीआई के विरूद्ध उपलब्ध कराने को कहा है ताकि आगे की कार्रवाई सुनिश्चित किया जा सके। इस संबंध में परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त सह सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार पूर्णिया प्रमंडल ने अपने पत्रांक 926 दिनांक 13 अगस्त 2025 द्वारा जो अपनी रिपोर्ट भेजी है उसमें आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई रामजनम की कार्यशैली पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
इसमें कहा गया है कि आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई राम जनम की कार्यशैली के विरूद्ध काफी शिकायतें प्राप्त होती रही है। जिसको लेकर कई समाचार पत्रों में भी काफी प्रतिकूल खबरें प्रकाशित हुई है। इन्हें कार्यालय स्तर से कई बार स्पष्टीकरण एवं चेतावनी दिया गया लेकिन इनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ।
इनका कार्यकलाप संदिग्ध है जिससे सरकार की छवि धूमिल होती है। इस कारण कार्यहित में उनकी सेवा तत्काल प्रभाव से विभाग को वापस भेजी जाती है। इस पत्र के आलोक में परिवहन विभाग ने अपने कार्यालय पत्रांक 6879 दिनांक 20 अगस्त 2025 द्वारा आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई को मुख्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया।
14 मई की रात सड़कों पर अवैध वसूली का हुआ था खुलासा
14 मई 2025 की रात आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई रामजनम द्वारा अवैध वसूली किए जाने संबंधी समाचार को दैनिक जागरण ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। इसमें इस बात का खुलासा किया गया था कि आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई को किसी तरह का सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया है।
इसके बाद भी 14 मई की रात पटना नंबर के स्कारपियो वाहन से अपने कुछ गुर्गों से साथ वसूली के लिए सड़कों पर निकल पड़े। इसके लिए एमवीआई ने परिवहन विभाग के टेस्टिंग ट्रैक पर पदस्थापित एक होमगार्ड के जवान को भी अपने साथ रख लिया। साजन नाम के होमगार्ड के जवान ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि उसे 14 मई की रात एमवीआई द्वारा जांच के लिए ले जाया गया था।
इस जांच में वह किसके निर्देश पर गये थे, इसका जवाब उसके पास नहीं था। टेस्टिंग ट्रैक पर सुरक्षा के लिए तैनात जवान जिला परिवहन पदाधिकारी के अधीन काम करते हैं। इस मामले में जिला परिवहन पदाधिकारी को सूचित तक नहीं किया गया। एमवीआई ने 14 मई की रात बायपास रोड में नेवालाल चौक के आगे एक सुनसान स्थान पर एक वाहन को ओवर टेक कर रोका।
फिर उस वाहन के चालक से कई तरह के कागजात की मांग की गयी। इसके बाद फाइन के नाम पर लेनदेन का खेल शुरू हुआ। इस दौरान पुलिस लिखे पटना नंबर के निजी वाहन पर आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई रामजनम गाड़ी में बैंठे रहे और उनके साथ गए होमगार्ड के जवान एमवीआई के निजी चालक एवं एक अन्य निजी व्यक्ति ने मोल भाव शुरू किया।
तात्कालीन आरटीओ ने माना था कि पूर्व से विवादस्पद रही है एमवीआई की भूमिका
पूर्णिया आयुक्त के सचिव एवं पूर्व के आरटीओ शाहिद परवेज ने माना था कि विभाग द्वारा आरटीओ कार्यालय में एमवीआई की पदस्थापना कार्यालय का कार्य सही तरीके से संपादित करने के लिए किया गया है। इसके बावजूद एमवीआई द्वारा बार-बार बिना किसी अनुमति के रात में वाहनों की जांच की जाती रही है। इसके पूर्व भी जब इस एमवीआई की शिकायत मिली थी जो जांच में मामला सही पाया गया था।
विभाग को उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी गयी थी। बताया जाता है कि परिवहन विभाग द्वारा आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई को किसी तरह का का ना तो सरकारी वाहन उपलब्ध कराया है और ना ही वाहन मद में कोई राशि दी जाती है। यहां तक कि वाहन के लिए एक लीटर डीजल तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। उसके बाद भी अपना निजी वाहन जो पटना नंबर है, उस पर चालक सहित अन्य निजी लोगों को रखकर सड़कों पर खुलेआम वसूली की जाती थी।
आरटीओ कार्यालय में पदस्थापित एमवीआई के खिलाफ वाहनों से अवैध वसूली के संबंध में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उन्हें विभाग को वापस लौटा दिया गया है। उनके स्थान पर परिवहन विभाग से किसी स्वच्छ छवि के एमवीआई को पदस्थापित करने का अनुरोध किया गया है। - राजेश कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त, पूर्णिया
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