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    बाल शोषण पर अंकुश लगाने को बनाई जाएगी समिति

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 24 May 2022 06:34 PM (IST)

    मंगलवार को प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार में हुई। इसकी अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख मो शमीम अख्तर उर्फ लालबाबू ने किया। बैठक में बाल विवाह बाल श्रम बाल तस्करी व बाल शोषण पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत और वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति गठन करने पर विस्तृत चर्चा की गई ।

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    बाल शोषण पर अंकुश लगाने को बनाई जाएगी समिति

    संस, बैसा (पूर्णिया)। मंगलवार को प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार में हुई। इसकी अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख मो शमीम अख्तर उर्फ लालबाबू ने किया। बैठक में बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी व बाल शोषण पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत और वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति गठन करने पर विस्तृत चर्चा की गई ।

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    समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास निगम व यूनिसेफ के सहयोग से सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान प्रोजेक्ट को सफल बनाने का निर्णय लिया गया। वक्ताओं ने कहा कि बच्चों के संरक्षण में काम करने वाले सभी स्टेक होल्डर, जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता का यह दायित्व है कि बच्चों के प्रति लोगों की सोच व व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाय। साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं बाल श्रम अधिनियम 1986 के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही वक्ताओं ने कहा कि बाल मजदूरी पर नियंत्रण के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा। इस अवसर पर प्रखंड प्रमुख मो शमीम अख्तर उर्फ लालबाबू ने बाल संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी जनप्रतिनिधियों को मिलकर वार्ड से लेकर पंचायत स्तर तक सभी योजनाओं से बच्चों को जुड़ने और उनकी संरक्षण के लिए अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह व बाल मजदूरी ना हो इसके लिए पंचायत स्तर और वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति को मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए समिति की बैठक नियमित हो। इस अवसर पर प्रखंड उप प्रमुख मो फिरोज आलम ने बताया कि बाल संरक्षण के मुद्दों पर सक्रिय रूप में काम करने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को एकजुट होना चाहिए। बैठक में संयुक्त राष्ट्र संघ महा अधिवेशन द्वारा पारित बच्चों के 54 अधिकारों के साथ-साथ मुख्य चार अधिकारों पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही सामाजिक सुरक्षा योजना, परवरिश योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना , छात्रवृत्ति योजना सहित अन्य योजनाओं के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया। वहीं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होटल ढाबा में कमाने के लिए ना भेजें और गांव के जो भी बच्चे जाते हैं उन्हें रोके। साथ ही श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित लेबर कार्ड, शताब्दी योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ बच्चों को दिलाने का कार्य करें। इस दौरान मुख्य रूप से जिला समन्वयक एक्शन एड युनिसेफ पुर्णियां मो तफवीज, प्रखंड समन्वयक मो शहनशाह सईद, सी डी पी ओ मंजू कुमारी, उपप्रमुख फिरोज आलम, चिकित्सा पदाधिकारी डा रफी जुबैर, मुखिया सिकंदर आलम उर्फ दारा,जाहिद आलम, मो हसनैन, जमशेद आलम, अबु अमामा उर्फ बाबा, समरेंद्र घोष , आरिफ आलम, सद्दाम आलम आदि मौजूद थे।