शहर के 24 हजार परिवारों को नल से पानी निकलने का इंतजार
शहर में हर घर नल का जल का सपना अभी आकार नहीं ले पाया है। अभी तक महज आठ हजार छह सौ घरों तक ही नल का जल पहुंच पाया है। इनमें भी कम लोग ही इस पानी का उपयोग पीने में कर रहे हैं। घर के आगे लगे नल के जल से कहीं बागों की सिचाई हो रही है तो कहीं वाहन धोए जा रहे हैं। कहीं-कहीं इसके पानी का उपयोग भी लोग कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। शहर में हर घर नल का जल का सपना अभी आकार नहीं ले पाया है। अभी तक महज आठ हजार छह सौ घरों तक ही नल का जल पहुंच पाया है। इनमें भी कम लोग ही इस पानी का उपयोग पीने में कर रहे हैं। घर के आगे लगे नल के जल से कहीं बागों की सिचाई हो रही है तो कहीं वाहन धोए जा रहे हैं। कहीं-कहीं इसके पानी का उपयोग भी लोग कर रहे हैं। इधर, 24 हजार चार सौ लोगों के घर पर नल तो पहुंचा है लेकिन पानी का पहुंचना बाकी है। दूसरे फेज का चल रहा है कार्य, अभी मंजिल दूर
शहर में जलापूर्ति की जिम्मेवारी बुडको के कंधे पर है। इसकी निगरानी व सतत समीक्षा की जिम्मेवारी नगर निगम पर है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक दो फेज के तहत कुल 31800 परिवारों को इस योजना से लाभान्वित किया जाना है। इसमें अब तक 23 हजार घरों तक नल पहुंचाया गया है। आठ हजार छह सौ घरों में जलापूर्ति आरंभ है। शेष 24 हजार चार घरों तक नल का जल पहुंचाने का कार्य तीसरे फेज में होगा। शहर में दो फेज का कार्य समेकित रूप से चल रहा है। दोनों फेज के तहत जल्द से जल्द कुल 31 हजार आठ सौ घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। शेष परिवारों के लिए तीसरे फेज में कार्य होना है।
पप्पू भगत, कनीय अभियंता, बुडको।
------------------------------------
कोट- जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन की दशा व दिशा दोनों गड़बड़ है। उनके वार्ड में लगभग 40 फीसद घरों तक नल पहुंचा है। लगभग साल भर से लोग नल से पानी निकलने का इंतजार कर रहे हैं। शेष 60 फीसद घरों तक अभी तक नल भी नहीं पहुंचा है।
सरिता राय, निवर्तमान वार्ड पार्षद, वार्ड नंबर 22
--------------------------------
कोट- हमारे मोहल्ले में तो अब तक नल भी नहीं पहुंचा है। आरओ या फिर फिर डिब्बा वाला पानी खरीद रहे हैं। चापाकल और मोटर के पानी में अब भी अत्यधिक आयरन है।
मनोहर सिंह, निवासी, शक्तिनगर मोहल्ला।
---------------------------------------
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।