बिहार में कॉलेज के छात्रों ने बनाई नई वोटिंग मशीन, फर्जी वोट पर लगेगी लगाम; कैसे करती है काम?
पूर्णिया के इंजीनियरिंग कॉलेज में विज्ञान मेला आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने विभिन्न प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए। मुख्य आकर्षण ईवीएम से अलग वोटिंग मशीन रही, जो फिंगरप्रिंट से पहचान करती है और बोगस वोटिंग रोकती है। छात्रों ने प्रदूषण नियंत्रण यंत्र भी बनाया, जिसकी सराहना की गई।

प्रोजेक्ट देखते एडीएम व प्राचार्य। (जागरण)
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। पूर्णिया के इंजीनियरिंग कॉलेज में विज्ञान मेला का आयोजन शुक्रवार को आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने लिया भाग लिया और अपने-अपने प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी लगाई।
विज्ञान मेला में मुख्य अतिथि के रुप में अपर समाहर्ता राजकुमार गुप्ता व अभियंत्रण कॉलेज के प्राचार्य मौजूद रहे। प्रोजेक्ट का मुआयना करते हुए अपर समाहर्ता ने बताया कि छात्र-छात्राओं ने कई अच्छे प्रोजेक्ट पर काम किया है, जो समय की मांग भी है।
कैसे करता है काम
इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार वोटिंग मशीन विज्ञान मेले में आकर्षण का केंद्र रहा। इस वोटिंग मशीन की खासियत है कि यह इवीएम से अलग कार्य करता है और एडवांस तकनीक पर आधारित है।
यह वोटिंग मशीन वोटर के सभी डाटा को अपने अंदर समाहित कर फिंगरप्रिंट के माध्यम से पहचान करता है। इससे बोगस वोटिंग होने की संभावना खत्म हो जाती है।
वोटर डाटा से मिलान के बाद मशीन वोटर को वोट करने का कमान देता है, जो उसमें फीड होता है। मतदाता अपने हिसाब से अपने पसंद के उम्मीदवार को वोटिंग करते हैं। इस मशीन का उद्देश्य बोगस वोटिंग को रोकना और मतदाता की पहचान करना है।
वहीं, दूसरे प्रोजेक्ट में छात्रों ने बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर प्रदूषण नियंत्रण यंत्र बनाया है जो कम कीमत में उपलब्ध हो सकता है। अतिथियों ने इस प्रोजेक्ट की भी सराहना की।

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