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    Bihar Politics: बीमा ने बदला पाला, तो शंकर को मिली जीत; 5 साल में दो-दो हाथों में रही रूपौली की कमान

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 12:47 PM (IST)

    रूपौली विधानसभा क्षेत्र विकास की राह पर है लेकिन लोगों की उम्मीदें अभी भी अधूरी हैं। वर्तमान विधायक शंकर सिंह ने कई विकास कार्य किए हैं जैसे पुलों और सड़कों का निर्माण लेकिन बाढ़ और कटाव जैसी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की भी जरूरत है।

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    बीमा ने बदला पाला, तो शंकर को मिली जीत; 5 साल में दो-दो हाथों में रही रूपौली की कमान

    अभय सिंह, रूपौली (पूर्णिया)।  राष्ट्रवाद व सांस्कृतिक चेतना वाले रूपौली विधानसभा क्षेत्र कालांतर में नक्सली, कभी फैजान व नार्थ लिबरेशन आर्मी के बीच जातीय संघर्ष में बहे खून की दरिया का भी गवाह रहा है। रूपौली प्रखंड के 18 पंचाायत एवं एक नगर पंचायत, भवानीपुर के 14 पंचायत एवं एक नगर पंचायत के साथ-साथ बीकोठी के सात पंचायतों वाला यह विधानसभा क्षेत्र विकास की नयी डग तो भर रहा है, लेकिन लोगों के अरमान अभी भी अधूरे हैं।

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    वर्तमान विधानसभा काल में इस क्षेत्र के लोगों ने दो-दो बार अपने प्रतिनिधि के वोट का इस्तेमाल किया। फिलहाल यहां के विधायक निर्दलीय शंकर सिंह हैं। इससे पूर्व जदयू की बीमा भारती लगातार जीत दर्ज कर रही थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में उनके राजद में शामिल होने के बाद उनकी सदस्यता खत्म हो गई थी और वहां उप चुनाव हुआ था।

    बीमा भारती राजद से मैदान में उतरी थी, लेकिन उन्हें तीसरा स्थान मिला था। जदयू के कलाधर मंडल यहां दूसरे स्थान पर रहे थे। लगातार सडक, पुल-पुलियों के निमाण से क्षेत्र की तस्वीर तो बदली है, लेकिन अब भी लोगों की अपेक्षाएं अधूरी है। लगभग एक दर्जन पंचायत अब भी कोसी के बाढ़ व कटाव की त्रासदी से निजात की राह देख रहा है।

    इसी तरह केला के साथ सब्जी का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र विपणन की अपेक्षित सुविधा के लिए अभी भी तरस रहा है । वर्त्तमान विधायक शंकर सिंह के कार्यकाल में महज 14 माह पूर्ण हुए हैं और इस दौरान उन्होंने मौलिक समस्याओं के समाधान पर अपना ध्यान केंद्रित रखा है। विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणी भाग को बाढ से निजात दिलाने के लिए रिंग बांध का प्रस्ताव उनके प्रयास से केंद्र सरकार को भेजा गया है।

    बीमा भारती यहां 2000 से 2024 तक कुछ माहों को छोडकर लगभग 24 वर्षों तक विधायक रहीं, उन्होंने विकास की रोशनी से क्षेत्र को जगमगाने का जरूर प्रयास किया, लेकिन लोगों की अपेक्षाएं अधूरी रह गई।

    इधर, वर्त्तमान निर्दलीय विधायक शंकर सिंह ने लोगों की इस अपेक्षा को अब तक पूर्ण करने का भरसक प्रयास किया है। कई पुलों की स्वीकृति के साथ कई सडकों का भी जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। जाति-धर्म से उपर उठकर विकास की लंबी लकीर खींचने की कोशिश में वे जुटे हुए हैं। शहीदों के परिवार के सम्मान के साथ सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में भी वे प्रयासरत हैं। इन स्थितियों के बावजूद दियारा क्षेत्र के लोग अब भी नाव की सवारी करते हैं।

    विधायक की उपलब्धियां

    • डुमरी, बघवा एवं शेखपुरा में पुल निर्माण की निविंदा
    • टोपरा स्थित बोचाही धार पर दो जगहों पर पुल की स्वीकृति
    • धोबगिद्धा एवं घोसयघाट पर पुल निर्माण की निविंदा प्रकिया शुरू
    • भवानीपुर एवं बीकोठी को जोडनेवाली कलमबाग घाट एवं भिखना घाट पर आरसीसी पुल की मंजूरी
    • विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रखंडों में डिग्री कालेज की मंजूरी
    • रेफरल अस्पताल में नये भवन का निर्माण, पावरग्रिड की मंजूरी
    • 31 कलामंच का निर्माण, अनुरक्षण अवधि समापन के बाद हुए सभी 120 सडकों का उन्नयन एवं चौडीकरण
    • रूपौली एवं भवानीपुर में 14 कडोड की लागत से नाला निर्माण की निविंदा
    • कोशकीपुर से विजयघाट तक रिंगबांध का प्रस्ताव

    विधानसभा चुनाव में इन मुद्दों पर रहेगा फोकस

    • टीकापटी एवं मोहनपुर को प्रखंड का दर्जा की मांग
    • प्रस्तावित कुरसेला से बिहारीगंज रेल पथ के निर्माण की मांग
    • बहदूरा, बैरिया एवं शेखपुरा में पुलिस ओपी के गठन की मांग
    • मोहनपुर में क्रांतिकारी चमरू मंडल खेल मैदान की घेराबंदी
    • मक्का व केला आधारित उद्योग की मांग
    • बाढ़ व कटाव की समस्या का स्थायी निदान
    • टीकापटी के गांधी सदन को गांधी सर्किट से जोड़ने की मांग

    क्या कहते हैं विधायक शंकर सिंह?

    22 सितंबर को उनके कार्यकाल को 14 माह पूर्ण होने वाला है। अल्प समयावधि में उन्होंने जनता भगवान से किया हर वादा निभाने का प्रयास किया है। वर्षों से जिन पुलों व सड़कों के निर्माण की मांग अनसुनी थी, उसपर संज्ञान लेते हुए इस दिशा में कारगर कदम उठाया। कई पुलों व सड़कों का निर्माण आरंभ हो चुका है, कुछ की स्वीकृति मिल चुकी है और कुछ का टेंडर प्रक्रिया जारी है।

    उन्होंने निस्वार्थ भाव से जन सेवा का जो संकल्प लिया है, उस दिशा में वे अग्रसर हैं। कई कला व रंगमंच का निर्माण भी उन्होंने कराया है। कला व संस्कृति के बिना समग्र विकास की कल्पना बेमानी होगी। इसके अलावा बाढ़ व कटाव के निदान के लिए भी उन्होंने भागीरथ प्रयास शुरु कर दिया है। किसानों के हित के लिए हर स्तर पर उनका प्रयास जारी है।

    क्या कहते हैं निकट प्रतिद्वंदी कलाधर मंडल?

    विधायक शंकर सिंह भले ही विकास का ढोल पीटें, परंतु सच्चाई अलग है। उनके द्वारा जिस सडक का पांच साल भी नहीं हुआ है तथा उसकी मरम्मती ठीकेदार को करनी है, उसपर अपना विकास का बोर्ड लगाकर ढोल पीट रहे हैं। दूसरी बात है कि जिस योजना का कुछ नहीं हुआ है, वहां पर बोर्ड लगा दिये हैं। भवानीपुर बाजार में नाला एवं सडक का बोर्ड लगा दिया गया, परंतु उस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ है। विधायक ने वादा किया था कि वे मैट्रिक-इंटर टापर छात्र-छात्राओं को लैपटाप देंगे, बच्चियों को स्कूटी देंगे, परंतु सभी हवा-हवाई घोषणा निकली।

    क्या कहते हैं लोग- पक्ष

    विधायक शंकर सिंह का कार्यकाल भले ही 14 माह का रहा हो, परंतु उनके प्रयास से जो विकास को गति मिली, शायद अपने आप में अकल्पनीय है। पुल-पुलिया, सडक से लेकर, सामाजिक कार्य तक में उनका भरपूर सहयोग रहा है। विधानसभा स्तर पर देखा जाए तो, उन्होंने यह साबित कर दिखाया है कि अगर विधायक चाहें तो, अपने क्षेत्र को पांच वर्षों में विकसित जरूर कर सकते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि शंकर सिंह एक ऐसे विधायक निकले, जिन्होंने अपने काम को ही अपना कर्म बनाने में सफल हुए हैं। -  चंद्रकांत कुमार, समाजसेवी

    विधायक शंकर सिंह अपने हर वादा को निभाने का भरसक प्रयास किया है। इसका उदाहरण स्वयं उनका गांव है। उनका गांव बड़ा चौराहा है। जैसे ही बरसात होती है, गांव के तीन जगहों पर भारी जलजमाव से सिर्फ गांव ही नहीं, बल्कि इस गांव से गुजरनेवाले दर्जनों गांव के लोग परेशान हो जाते थे। विधायक गांव आए तथा लोगों ने कहा और महज दस दिनों में जलजमाव से मुक्ति दिलाने का कार्य आरंभ हो गया। दशकों बाद ऐसा विधायक मिला है, जो विकास ही नहीं, बल्कि सभी तरह के सामाजिक भेदभाव को भी मिटाने में कामयाब रहे हैं। विकास की लकीरें जो इनके द्वारा खींची गई हैं, वह अमिट होगी। -  सनोज चौबे, तेलडीहा

    क्या कहते हैं लोग- विपक्ष

    सिर्फ सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करने से विकास नहीं हो जाता है। विकास को धरातल पर उतारना चाहिए। विधायक शंकर सिंह का कार्यकाल पूरी तरह से असफल रहा है। यूं कहा जाए तो उन्होंने सिर्फ हवा में विकास किया हैं, आम जनता के पास विकास की रोशनी नहीं पहुंची है। इसका उदाहरण है कि जहां भी वे विकास की बातें कर रहे हैं, वहां पहले से ही विकास पहुंच चूका था। विकास वाली जगह पर ही वे अपना बोर्ड लगाकर अपने नाम कर रहे हैं। उन्होंने सिर्फ जीत के लिए झूठा वादा किया जो निभा नहीं पाए हैं। -  बबलू मंडल, बलिया

    विधायक का हर वादा हवा-हवाई साबित हुआ है। लोकलुभावन वादे के जरिए केवल जनता को छला गया है। उन्होंने गढियाघाट, भतसारा घाट पर जीतने के साथ ही पुल का निर्माण कराने की बात कही थी, जो सही साबित नहीं हुआ।हर तरफ समस्याएं मुंह बाए खड़ी है। बिजली 24 घंटे देने की बात कही थी, आज सिर्फ बिजली का अभाव ही नहीं, बल्कि लो वोल्टेज की समस्या अलग है। पूर्व में हुए कार्य की आड़ में वे केवल श्रेय लूट रहे हैं। जनता की अपेक्षा पर वे कतई खरा नहीं उतर पाए हैं। -  कृष्ण कुमार मंडल, भवानीपुर

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