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    Purnia Airport: पीएम मोदी ने किया पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन, सीमांचल और कोसी के 7 जिलों को होगा फायदा

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 04:27 PM (IST)

    पूर्णिया एयरपोर्ट जिसका एलान 2015 में हुआ था का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया। इससे सीमांचल और कोसी के सात जिलों को फायदा होगा अब लोगों को बागडोगरा या दरभंगा नहीं जाना पड़ेगा। पूर्णिया मेडिकल ऑटोमोबाइल और शिक्षा का हब है जिससे विकास और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। एयरपोर्ट से किसानों को उपज का सही दाम मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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    2015 में पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण का पहली बार हुआ था एलान

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। जिस पूर्णिया एयरपोर्ट का पीएम मोदी ने आज उद्घाटन किया है, उसके निर्माण का एलान पहली बार साल 2015 में किया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 साल पहले 2 नवंबर 2015 को शहर के रंगभूमि मैदान में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा को संबोधित करते पूर्णिया एयरपोर्ट की घोषणा की थी। इसके बाद एयरपोर्ट के लिए 69 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया।

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    एयरपोर्ट पूर्व सैन्य हवाई अड्डा है, जिसपर तात्कालिक रूप से पोर्टा केबिन के तहत हवाई सेवा शुरू हो रही है। इसकी टर्मिनल बिल्डिंग 4000 स्क्वायर मीटर में फैली है, इसे बनाने में 46 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। बाद में इस एयरपोर्ट को 500 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा।

    पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन के समान ही पूर्णिया एयरपोर्ट का टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण होगा। इस एयरपोर्ट को आगे इंटरनेशनल एयरपोर्ट की श्रेणी में शामिल किया जाएगा।

    पूर्णिया में एयरपोर्ट क्यों जरूरी?

    एयरपोर्ट के निर्माण से न केवल सीमांचल और कोसी के अंदर आने वाले 7 जिलों को फायदा होगा। इससे पहले सीमांचल रेंज के पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज और कोसी रेंज के मधेपुरा, सहरसा, सुपौल के लोगों को बागडोगरा एयरपोर्ट या फिर दरभंगा एयरपोर्ट जाना पड़ता था।

    इन जिलों से सड़क मार्ग के रास्ते एयरपोर्ट तक पहुंचने में समय और पैसे दोनों काफी खर्च होते थे। वहीं पूर्णिया एयरपोर्ट से भागलपुर, खगड़िया जैसे जिलों के लोग भी हवाईअड्डा का लाभ उठा सकेंगे।

    वहीं, सीमांचल से सटे पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीमावर्ती जिले के लोगों को भी एयरपोर्ट का सीधा फायदा होगा। एयरपोर्ट से पड़ोसी देश नेपाल के लोगों को भी काफी हद तक सहूलियत होगी।

    पूर्णिया में एयरपोर्ट का कितना महत्व, कितना फायदा?

    पूर्णिया मेडिकल, ऑटोमोबाइल और एजुकेशन का हब माना जाता है। इस वजह से उम्मीद जताई जा रही है कि हवाई सेवा आरंभ होने पर इस इलाके का जबरदस्त विकास होगा। पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू होने से सीमांचल के लोगों को कई फायदे होंगे। यहां पटना, दिल्ली, कोलकाता जैसे शहरों की यात्रा में लगने वाला समय पटेगा। उद्योग, व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। गंभीर मरीजों को बड़े शहरों के अस्पतालों तक पहुंचाना आसान होगा।

    आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। वहीं छात्रों और प्रोफेशनल्स को परीक्षा, नौकरी और पढ़ाई के लिए आना-जाना आसान हो जाएगा। स्थानीय पर्यटन क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा। एयरपोर्ट संचालन, होटल, टैक्सी सेवा जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। एयरपोर्ट से शहरी क्षेत्र का दायरा बढ़ेगा। एयरपोर्ट और आसपास का क्षेत्र शहरी कम ग्रामीण है।

    पिछले 2 सालों में जमीन की कीमत 2 से 5 दोगुनी बढ़ी है। एक से दो लाख कट्ठा में बिकने वाली जमीन का रेट 5 से 15 लाख के बीच हो गया है। जमीन की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। इसे नगर निगम में लाने की कवायद तेज हो गई है। एक सर्वे के मुताबिक 10 साल के भीतर आसपास का एरिया से जबरदस्त ग्रोथ होगा। एयरपोर्ट शुरू होने से पूर्णिया की कनेक्टिविटी महानगरों और विदेशों से बढ़ेगी।

    इससे न केवल इनवेस्टमेंट बढ़ेगा, बल्कि नए उद्योग भी खुलेंगे। बड़े पैमाने पर नए रोजगार का सृजन होगा। मजदूरों और कामगारों के पलायन की समस्या में काफी हद तक कमी आएगी। इसपर सरकार का पूरा फोकस होगा। किसानों को उनकी कृषि उपज का सही दाम भी मिल सकेगा।

    पूर्णिया मक्का और मखाना उत्पादन का हब है। ऐसे किसान को अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा था। अब सीधे इनके पास पहुंचना इन कंपनियों के लिए आसान होगा। इससे जुड़ी स्टार्टअप कंपनियां तेजी से उभरेगी। प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और बिजनेस का दायरा बढ़ाना काफी आसान हो जाएगा।

    एयरपोर्ट बनने से क्या किसी पार्टी को राजनीतिक फायदा होगा?

    बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पूर्णिया एयरपोर्ट के उद्घाटन को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। सीमांचल के 4 जिले (पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज) में विधानसभा की 24 सीटें हैं। साल 2020 के चुनाव में यहां एनडीए को 9, इंडिया को 10 और एआइएम को 5 सीटें मिली थीं। बीते 10 सालों से इसके लिए आम लोग लगातार आंदोलन करते रहे थे।

    बीते दोनों विधानसभा चुनावों में एयरपोर्ट सबसे बड़ा मुद्दा बना। इसकी लेटलतीफी केंद्र और राज्य सरकार के लिए खूब फजीहत बनी। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू हो रही है। इसका सीधा फायदा आगामी चुनाव में एनडीए को मिल सकता है।