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    Prashant Kishor: 'हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले...', प्रशांत किशोर का बड़ा एलान; नीतीश को होगी टेंशन!

    जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कहा कि 2 अक्टूबर को उनकी पार्टी की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह पार्टी का विजन डॉक्युमेंट भी पेश करेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि वह राज्य में शराबबंदी को खत्म करना चाहते हैं। जन सुराज नेता ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो सबसे पहले शरारबंदी को हटाया जाएगा।

    By Manoj Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 12 Sep 2024 02:52 PM (IST)
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    जन सुराज नेता प्रशांत किशोर और बिहार CM नीतीश कुमार। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। जन सुराज अभियान के क्रम में पूर्णिया पहुंचे प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा है कि दो अक्टूबर को उनकी पार्टी की घोषणा कर दी जाएगी। इसकी घोषणा पटना में पार्टी सम्मेलन में की जाएगी। उसी सम्मेलन में दस वर्ष का विजन डाक्युमेंट भी जारी किया जाएगा।

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    उन्होंने कहा कि अगर राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो सबसे पहले शराबबंदी को खत्म किया जाएगा। राज्य को लेकर अपने विजन के बारे में उन्होंने कहा कि देश के प्रथम दस राज्यों में बिहार को शामिल करना उनका लक्ष्य है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद प्रशांत किशोर ने कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक की तथा उन्हें संबांधित किया।

    शराबबंदी कानून की आलोचना की

    जन सुराज अभियान के क्रम में प्रशांत किशोर गुरुवार को पूर्णिया पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक स्थानीय होटल में पत्रकारों को संबाेधित करते हुए कहा कि आगामी दो अक्टूबर को वे राजनीतिक पार्टी की घोषणा करेंगे। यह घोषणा पटना में आयोजित पार्टी के सम्मेलन में किया जाएगा। पार्टी के नाम को लेकर उन्होंने कहा कि यह मामला अभी चुनाव आयोग के पास है। चुनाव आयोग अगर सहमति देता है तो यही नाम रहेगा और अगर सहमति नहीं मिलती है तो अन्य नामों पर विचार किया जाएगा।

    राज्य को लेकर अपने विजन के बारे में उन्होंने कहा कि देश के प्रथम दस राज्यों में बिहार को शामिल करना उनका लक्ष्य है, वे इसी के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने शराबबंदी कानून की आलोचना करते हुए कहा कि इससे खराब कानून कुछ भी नहीं हो सकता है। इस कानून से राज्य को बीस हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है, जबकि कहने को शराबबंदी है, लेकिन लोगों के घरों तक शराब पहुंच रही है।

    कुछ लोगों ने बताया कि इस कानून को हटाने से महिलाएं वोट नहीं करेंगी तो इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि वे इसी बात को बदलना चाहते हैं। जो राज्य के हित में होगा वही फैसला लिया जाएगा, वैसी ही नीति बनेगी। वोट की राजनीति वे नहीं करते हैं।

    पीके ने कहा- जनता नया विकल्प चाह रही

    उन्होंने कहा कि राज्य में दो तिहाई लोग नया विकल्प चाह रहे हैं। जनता नीतीश-लालू की 30-40 वर्ष के शासन से ऊब चुकी है। नीतीश और भाजपा का गठबंधन लालू राज का डर दिखाते हैं और लालू की आईएनडीआईए भाजपा का डर दिखाती है। इसी आधार पर जनता से वोट लिया जा रहा हैस लेकिन काम से इन दोनों गठबंधन को जनता से कोई मतलब नहीं है। यही कारण है कि लोग अब गंभीरता से तीसरे विकल्प की ओर देख रहे हैं।

    प्रशांत किशोर ने कहा कि रुपौली का विधानसभा चुनाव परिणाम इसी बात की ओर इशारा कर रहा है। वहां लोगों ने तीसरे विकल्प का चुनाव किया। उन्होंने कहा कि दो वर्षों से पद यात्रा कर रहे हैं। सात फीसद राज्य के हिस्से में वे पैदल चल चुके हैं। अभी उनकी यात्रा सुपौल में पहुंची है। उनकी पद यात्रा पश्चिम चंपारण से प्रारंभ हुई थी जो आगे भी जारी रहेगी। अधिकारिक तौर पर उनकी यात्रा पूर्णिया अभी नहीं पहुंची है अभी कुछ दिनों का और समय लगेगा।

    पीके ने कहा- मुसलमानों के लिए मुश्किल घड़ी

    प्रशांत किशोर ने कहा कि मुसलमान के लिए यह मुश्किल की घड़ी है। उनको सलाह की आवश्यकता है। संसद में ऐसे कानून बन रहे हैं जिससे मुस्लिमों का बड़ा तबका असहज महसूस कर रहा है। भारत की राजनीति में मुस्लिमों की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से राजनीति में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की भी अपील की है।

    प्रशांत किशोर ने कहा कि राजनीतिक पार्टी की घोषणा के साथ ही राज्य के 8500 पंचायतों की योजना बनाकर जारी किया जाएगा। कोई भी अपने पंचायत के विकास की योजना को देख सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया और कटिहार में उनका छोटा कार्यक्रम है। पदयात्रा के क्रम में जब वे यहां आएंगे तो काफी लंबे समय रूकेंगे।

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