पूर्णिया एयरपोर्ट 15 सितंबर को खुलने जा रहा है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इससे पूर्णिया और सीमांचल क्षेत्र का विकास होगा। मैला आंचल में वर्णित इस क्षेत्र की गरीबी अब दूर होगी क्योंकि हवाई यात्रा से व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। मक्का और मखाना के निर्यात में भी वृद्धि होगी।
मनोज कुमार, पूर्णिया। कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु के उपन्यास 'मारे गए गुलफाम' पर बनी फिल्म तीसरी कसम के जरिए पूर्णिया समेत सीमांचल के पिछड़ेपन की तस्वीर भी झलकी थी। इस तस्वीर को बदलने में भले ही आजादी के लगभग साढ़े सात दशक बीत गए, लेकिन आज उड़ान की दहलीज पर पहुंचने से पूर्णिया ही नहीं पूरे सीमांचल का दिल बाग-बाग है।
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कच्ची-उबड-खाबड़ सड़कों पर बैलगाड़ी से शुरू हुआ पुरैनिया का सफर आज चिकनी फोरलेन पर फर्राटा भरते लग्जरी से उड़नखटोले तक पहुंच गया है। पूर्णिया एअरपोर्ट से उड़ान की तारीख तय होते ही सीमांचल अब विकास की राह पर सरपट दौड़ लगाने के लिए तैयार है।
इस इलाके की बड़ी आबादी का एक बड़ा सपना पुरा होने के साथ पूर्णिया औद्योगिक छलांग लगाने के लिए भी तैयार हो गया है। पूर्णिया एअरपोर्ट का उद्घाटन आगामी 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तय होने की घोषणा की गई है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस में इसकी घोषणा की है। आधिकारिक तौर पर अभी शेड्यूल तय नहीं हुआ है, लेकिन यह तिथि निश्चित मानी जा रही है। एअरपोर्ट के उदघाटन और पीएम के आगमन को लेकर जिला प्रशासन की कवायद तेज हो गई है।
वहीं एयरपोर्ट पर टर्मिनल बिल्डिंग सहित सभी अधूरे कार्यों को फाइनल टच दिया जा रहा है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पीएम के आगमन से पूर्व उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इस माह के अंत तक एअरपोर्ट का निरीक्षण करने पूर्णिया पहुंच रहे हैं।
बदल रही पुरैनिया की किस्मत
फणीश्वरनाथ रेणु की कालजयी रचना 'मैला आंचल में' तब के पुरैनिया (पूर्णिया, अररिया, किशनगंज) की दुर्दशा का सटीक चित्रण किया गया है। यहां के दुरूह आवागमन से लेकर, गरीबी, बेरोजगारी का सजीव चित्रण ने उन्हें मुंशी प्रेमचंद के समकक्ष खड़ा कर दिया। आज उस मैला आंचल की तस्वीर बदलने जा रही है।
पूर्णिया अब हवाई उड़ान की दहलीज पर पहुंच गया है। हवाई सफर की उल्टी गिनती यहां शुरू हो चुकी है। यहां से उड़ान के साथ ही इलाके के औद्योगिक विकास को नया पंख मिल जाएगा। चाहे मक्का-मखाना का व्यापार हो या उससे तैयार होने वाले प्रोडक्ट या फिर हाल के दिनों में यहां लगी छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां में तैयार उत्पाद, सभी को नया बाजार, नया फलक मिलेगा।
रेल और सड़क मार्ग में आगे बढ़ने के साथ यहां मेडिकल और शिक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त विकास हुआ। एथेनॉल फैक्ट्री, गैस बोटलिंग प्लांट जैसे बड़े प्लांट यहां लगाए गए, जबकि पालिट्री फीड, एनिमल फीड प्लांट के साथ डेयरी उत्पाद, नूडल्य प्लांट जैसे छोटे-छोटे कई उद्याेग-धंधे यहां स्थापित हुए हैं।
खासकर मक्का और मखाना का निर्यात के क्षेत्र में पूर्णिया काफी आगे है। यहां से मखाना के साथ उसके उत्पाद देश के अन्य राज्यों के अलावा विदेशों में शुरू हो चुका हैं। कई मल्टीनेशनल कंपनियां यहां स्थायी रूप से व्यापार के लिए अपने वेयर हाउस यहां स्थापित कर चुके हैं।
ऐसे में एय़रपोर्ट की शुरूआत यहां के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा। प्रथम चरण में यहां दिल्ली व कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरु होगा। इसके बाद अन्य महानगरों के लिए फ्लाइट आरंभ होगी।
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