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    कांग्रेस में पप्पू यादव की बढ़ी सक्रियता, सीमांचल को लेकर मजबूत दावेदारी पेश कर रहे राहुल गांधी

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 10:35 PM (IST)

    पूर्णिया में कांग्रेस नेता पप्पू यादव की सक्रियता बढ़ने से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राहुल गांधी के साथ बैठक और पार्टी की अहम बैठकों में उनकी मौजूदगी ने महागठबंधन में हलचल मचा दी है। कांग्रेस सीमांचल में अपनी दावेदारी मजबूत करने की कोशिश कर रही है वहीं राजद भी इस पर नजर बनाए हुए है। प्रियंका गांधी की संभावित पूर्णिया सभा ने इन अटकलों को और बढ़ा दिया है।

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    कांग्रेस में पप्पू की बढ़ी सक्रियता से सीमांचल में राजनीतिक हलचल तेज। (जागरण)

    प्रकाश वत्स, पूर्णिया। हाल में ही वोट अधिकार यात्रा के क्रम में सीमांचल पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी व राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की अनदेखी सुर्खियों में रही थी।

    कई वीडियो फुटेज को लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी क्रिया-प्रतिक्रिया का दौर जोर-शोर से चला था। अब एक माह के अंदर ही सीन बदलने लगा है। निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की कांग्रेस में सक्रियता बढ़ने लगी है।

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    पहले दिल्ली में वे राहुल गांधी के साथ बैठक में शामिल हुए फिर महज चंद दिन पूर्व पटना में पार्टी पदाधिकारियों की अहम बैठक में भी उनकी इंट्री से सीमांचल में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

    महागठबंधन में बिहार के लिहाज से अहम राजद की भी नजर टिकी हुई है। इसके कई राजनीतिक मायने भी निकल रहे हैं। प्रथमदृष्टया इसे कांग्रेस की सीमांचल में सीट की दावेदारी बढ़ाने की राजनीति मानी जा रही है तो दूसरा एकला चलो की स्थिति के लिए भी मजबूत तैयारी के रुप में इसे देखा जा रहा है।

    गत विधानसभा चुनाव परिणाम के साथ-साथ लोकसभा चुनाव परिणाम को कांग्रेस आधार बना, यहां अब ज्यादा से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने की मंशा रखती है।

    कटिहार व किशनगंज संसदीय सीट पर कांग्रेस का कब्जा

    गत लोकसभा चुनाव में सीमांचल के चार लोकसभा सीट पूर्णिया, अररिया, कटिहार व किशनगंज में अंत समय में दो-दो सीट पर कांग्रेस व राजद में समझौता हुआ था। कटिहार व किशनगंज सीट कांग्रेस के हिस्से थी तो अररिया के बाद पूर्णिया पर अंत समय में राजद ने अपनी दावेदारी ठोक दी थी।

    निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पूर्णिया से कांग्रेस से टिकट मिलने की उम्मीद के साथ पार्टी में भी शामिल हो गए थे। अंत समय में राजद की दावेदारी के चलते पप्पू यादव को निर्दलीय मैदान में उतरना पड़ा था, लेकिन पूरे चुनाव उनके काफिले में कांग्रेस का झंडा लहराता रहा था।

    इस दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव पर उन्होंने जमकर हमला बोला था और इस चलते दोनों के बीच की दूरी अब तक नहीं पट पायी थी। यही कारण था कि गठबंधन धर्म के चलते कांग्रेस उनसे दूरी बनाने की कोशिश भी करता रहा था, जो अब लगभग खत्म हो चुका है।

    विधानसभा चुनाव में कटिहार में कांग्रेस का रहा था बेहतर प्रदर्शन

    गत विधानसभा चुनाव में सीमांचल के 24 विधानसभा सीट में महागठबंधन में 11-11 सीट पर राजद व कांग्रेस ने उम्मीदवार खड़ा किया था। एक सीट माले व एक भाकपा के हिस्से में गई थी।

    इसमें कांग्रेस को कटिहार में दो व पूर्णिया, अररिया व किशनगंज में एक-एक सीट पर जीत मिली थी, लेकिन राजद को किशनगंज में महज एक सीट पर जीत मिल पायी थी। यद्यपि अभी राजद के भी पांच विधायक हैं, लेकिन चार एआईएमआईएम से आए हैं।

    राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि दो लोकसभा सीट पर कब्जा व गत चुनाव में पांच सीटों पर जीत से कांग्रेस इस इलाके में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाह रहे हैं और पप्पू यादव उसी प्रेशर पॉलिटिक्स एक बड़ा माध्यम है।

    पहली बार बिहार में होने वाली सीडब्लूसी की बैठक के बीच आगामी 26 सितंबर को कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी की पूर्णिया में संभावित सभा ने उपरोक्त चर्चाओं को और गर्म कर दिया है।

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