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    पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने PM मोदी को लिखा लेटर, इन उत्पादों पर बैन लगाने की कर दी मांग

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 04:17 PM (IST)

    पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गुटखा गरीब और श्रमिक वर्ग के जीवन को बर्बाद कर रहा है। यह आसानी से उपलब्ध नशा बन गया है जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो रही हैं। उन्होंने गुटखा बनाने वाली कंपनियों पर भी सवाल उठाए और मुफ्त जांच केंद्र खोलने की मांग की।

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    सांसद पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र। (फोटो जागरण)

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। पूर्णिया के लोकप्रिय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर पत्र लिखते हुए गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

    सांसद ने अपने पत्र में कहा है कि गुटखा और तंबाकू देश के गरीब और श्रमिक वर्ग की जिंदगी को खोखला कर रहा है और इसे अब तत्काल रोका जाना चाहिए। उन्होंने लिखा कि गुटखा आज देश में सबसे आसानी से उपलब्ध और सबसे ज्यादा उपभोग किया जाने वाला नशा बन चुका है।

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    2 से 10 रुपये तक के छोटे-छोटे सैशे में बिकने वाला यह जहर रिक्शा चालकों, दिहाड़ी मजदूरों, खेतिहर किसानों और फुटपाथ पर जीवन गुजारने वालों के जीवन को मौत और बर्बादी की ओर धकेल रहा है।

    यह वर्ग पहले से ही गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहा है, और गुटखा-तंबाकू की लत उनके परिवार को तबाह कर रही है। पप्पू यादव ने आगे लिखा कि यह केवल स्वास्थ्य की समस्या नहीं है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विनाश की कहानी है।

    गुटखा में पाए जाने वाले 28 कैंसरकारी रसायन मुंह और गले के कैंसर, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी घातक बीमारियों का कारण बनते हैं। आकड़े भयावह हैं भारत में हर साल लगभग 70,000 नए मौखिक कैंसर के मामले आते हैं और 50,000 से अधिक लोग मौत के शिकार हो जाते हैं।

    57 लाख लोगों की जान गुटखा-तंबाकू की वजह से गई

    पिछले 15 वर्षों में करीब 57 लाख लोगों की जान गुटखा-तंबाकू की वजह से गई है। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि जो गरीब इसका सबसे बड़ा शिकार हैं, वे इलाज का खर्च नहीं उठा पाते। गांव और कस्बों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और बड़े अस्पतालों में महंगे इलाज ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

    सांसद ने अपने पत्र में गुटखा बनाने वाली प्रमुख कंपनियों जैसे डी.एस. ग्रुप (रजनीगंधा), माणिकचंद, पान बहार, गोदफ्रे फिलिप्स, जेएमजे और शिखर समूह पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये अपने मुनाफे के लिए करोड़ों गरीब भारतीयों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं।

    उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि जैसे शराब और ड्रग्स पर नियंत्रण किया गया है, वैसे ही गुटखा और चबाने वाले सभी तंबाकू उत्पादों पर भी देशव्यापी प्रतिबंध लगाया जाए।

    इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि गुटखा निर्माण कंपनियों को बंद कराया जाए, गरीब और मजदूर वर्ग के लिए निःशुल्क कैंसर जांच एवं उपचार केंद्र स्थापित किए जाएं, और राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान चलाकर समाज को इस जहर के खिलाफ चेताया जाए।

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