Updated: Fri, 19 Sep 2025 02:00 AM (IST)
पूर्णिया में हवाई सेवा की शुरुआत और एक्सप्रेस वे के निर्माण के साथ औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भूमि की स्वीकृति और कृषि उत्पादों की उपलब्धता से उद्योगपतियों का ध्यान आकर्षित हो रहा है। मक्का मखाना और सब्जियों के उत्पादन से कृषि आधारित उद्योगों की संभावनाएं बढ़ रही हैं जिससे युवाओं में रोजगार को लेकर उत्साह है।
प्रकाश वत्स, पूर्णिया। पूर्णिया से हवाई सेवा की शुरुआत हो चुकी है। प्रस्तावित एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य तेज हो चुका है। पहले से दो फोरलेन सड़क यहां से गुजर रही है।
इधर एनएच 107 के चौड़ीकरण का कार्य अंतिम चरण में है और पूर्णिया-धमदाहा एसएच के चौड़ीकरण की स्वीकृति मिल चुकी है।
आवागमन की इस स्थिति के बीच नये औद्योगिक क्षेत्र के लिए 279 एकड़ जमीन की स्वीकृति व फिर 137 एकड़ अतिरिक्त जमीन का भेजा गया प्रस्ताव उद्योगपतियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
पूर्णिया के उद्योग नगरी बनने की रफ्तार अचानक तेज हो गई है। जिले में पहले से तीन औद्योगिक क्षेत्र हैं। इसमें मरंगा, बनमनखी व पूर्णिया सिटी का क्षेत्र है। मरंगा में लगभग 252 एकड़ जमीन है और 150 उद्योग लग चुके हैं।
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हवाई सेवा शुुरु होने की आहट के साथ इस क्षेत्र में सौ से अधिक उद्योग का प्रस्ताव बियाडा के पास आया था, जिसकी स्वीकृति की प्रक्रिया के बाद स्थापना के अंतिम चरण में है।
इधर बनमनखी में 118 एकड़ जमीन है, जिसमें अडानी ग्रुप का साइलो गोदाम बनकर तैयार हो चुका है, जबकि तीन अन्य उद्योग का प्रस्ताव प्रक्रिया में है। पूर्णिया सिटी में कुल 26.84 एकड़ जमीन है और दो उद्योग अभी चल रहे हैं, जबकि शेष छह एकड़ जमीन के लिए प्रस्ताव आना शुरु है।
बियाडा के अधिकारी मानते हैं कि हवाई सेवा शुरु होने व प्रस्तावित एक्सप्रेस वे से उद्योग लगने की रफ्तार काफी तेज हो जाएगी। केनगर बनेगा उद्योग का बड़ा हब, बीकोठी पर भी नजर हाल में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित एक्सप्रेस वे से सटे केनगर के बिठनौली व आसपास के परिक्षेत्र में 279 एकड़ नये औद्योगिक परिक्षेत्र की स्वीकृति दी जा चुकी है।
इसी परिक्षेत्र में 137 एकड़ अतिरिक्त जमीन का नया प्रस्ताव भी भेजा गया है। यह जिले ही नहीं सीमांचल व कोसी इलाके का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होगा। खासकर एक्सप्रेस वे से सटे होने व फिर यहां से हवाई सेवा शुरु होने के बाद यह उद्योगपतियों को आकर्षित करने लगा है।
अभी से उद्योगपतियों की दस्तक बियाडा कार्यालय में पड़ने लगी है। इधर एक्सप्रेस वे से सटे बड़हरा कोठी प्रखंड क्षेत्र में भी सरकार की नजर है।
मक्का, मखाना के साथ केला व सब्जी का बड़ा उत्पादक है जिला
पूर्णिया के साथ-साथ सीमांचल का इलाका मक्का, मखाना, केला व सब्जी का बड़ा उत्पादक क्षेत्र है। आलू व टमाटर की बेहतर पैदावार इस इलाके में होगी है। ऐसे में इन उत्पादनों पर आधारित उद्योग अभी लग भी रहे हैं और उद्योगपतियों का आकर्षण भी बढ़ रहा है।
ऐसे में उद्योग की बढ़ रही संभावना से किसानों की उत्सुकता भी चरम पर है। मक्का उत्पादक किसान हरीश यादव, सुशील झा, सुदेन महतो ने कहा कि निश्चित रुप से उद्योग बढ़ने से उन्हें अपने उत्पाद का बेहतर दाम मिलेगा। यही उम्मीद मखाना व अन्य किसानों को भी है।
रोजगार की संभावना से युवाओं में भी उत्साह
जिले में उद्योग लगने की बढ़ रही संभावना से युवाओं में भी काफी उत्साह है। बाढ़ प्रभावित इस इलाके में उद्योग विहीनता के चलते पलायन स्थायी समस्या है। काफी संख्या में यहां के लोग रोजी-रोटी के लिए महानगरों को जाने को विवश होते हैं। यह हर चुनाव में बड़ा मुद्दा भी बनता है।
कई साल से दिल्ली में निजी कंपनी में नौकरी करने वाले मु. सलाम, वरुण कुमार आदि ने बताया कि अभी परिवार से महीनों दूर रहना पड़ता है। घर में रोजगार मिल जाने से बेहतर क्या होगा।
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