Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    इयान वुलफोर्ड का भारत से रिश्‍ता, 2005 में बिहार के गांव में बीता काफी समय, Twitter के कारण आए सुर्खियों में

    By Jagran NewsEdited By: Dilip Kumar shukla
    Updated: Sun, 06 Nov 2022 11:17 AM (IST)

    इयान वुलफोर्ड का भारत से काफी पुराना रिश्‍ता है। 2005 में बिहार के अररिया में उनके काफी समय बीता है। Twitter विवाद के कारण इयान वुलफोर्ड काफी सुर्खियों में आ गए। कथाशिल्पी रेणु की जन्मभूमि से इयान बुलफोर्ड का रहा है गहरा नाता रहा।

    Hero Image
    इयान वुलफोर्ड 2005 में पहली बार बिहार आए थे। पूर्णिया के एक गांव में उनका काफी समय बीता।

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। Twitter की नयी पालिसी के विरोध के कारण चर्चा में आए ला ट्रोब यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया के हिंदी के प्रोफेसर सह अमेरिकी नागरिक इयान वुलफोर्ड का भारत से काफी पुराना नाता है। वे वर्ष 2005 में बिहार आए थे। कथा शिल्‍पी फणिश्‍वरनाथ रेणु के जीवन से भी वे काफी प्रभावित हुए थे। इस कारण यहां वे कई वर्षों तक रहे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की माटी से गहरा नाता रहा है। लगभग डेढ़ दशक से उनका पूर्णिया अंचल में आना-जाना रहा है। इस अंचल में हर स्तर पर हुए बदलाव के ही वे साक्षी रहे और बदलाव की इस कहानी को वे लगातार अपनी लेखनी के जरिए प्रसारित करने का प्रयास भी करते रहे हैं।

    कथाशिल्पी रेणु की जादुई रचनाओं के चलते सर्वप्रथम सन 2005 में उनका पदार्पण इस इलाके में हुआ था। तब से हाल के वर्षों तक कई बार उनका आगमन यहां हो चुका है। रेणु पर शोध के सिलसिले में पूर्णिया अंचल की यात्रा के क्रम में पूर्णिया के एक गांव में भी उनका काफी दिनों तक प्रवास रहा था। इनता नहीं रेणु के पैतृक गांव अररिया जिले के औराही हिंगना में भी वे लंबे समय तक रहे थे।

    आज भी रेणु के स्वजनों के साथ इलाके के कई साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों से उनका नाता बना हुआ है और वे ऐसे लोगों के संपर्क में भी रहते हैं। यहां की ग्राम्य संस्कृति, जीवन शैली, भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व धार्मिक समृद्धि भी उन्हें आकर्षित करता रहा है। रेणु के साथ-साथ इस अंचल से संबंधित उनके कई शोध व आलेख को विश्व फलक पर भी सराहना मिली है।

    यात्रा वृतांत में बदलते पूर्णिया अंचल का भी किया है जिक्र

    ट्रोब यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया के प्रोफेसर इयान बूलफोर्ड अंतिम बार सन 2016 में भी पूर्णिया आए थे। इससे पहले अपने यात्रा वृतांत में उन्होंने कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की माटी में क्रमिक बदलाव का जिक्र भी किया है। मैला आंचल का परिदृश्य किस तरह अब बदल चुका है, इसका वर्णन भी उन्होंने किया है। कृषि,यातायात से लेकर शिक्षा तक के स्तर में हुए सुधार की बातें भी उन्होंने अपने यात्रा वृतांत में लिखी है।