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    Chhath Puja 2024: भवानीपुर में गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल, हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते हैं छठ

    Updated: Tue, 05 Nov 2024 05:05 PM (IST)

    बिहार के पूर्णिया जिले के भवानीपुर प्रखंड में गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल देखने को मिलती है। यहां हिंदू और मुस्लिम परिवार मिलकर छठ पर्व मनाते हैं। मुस्लिम समाज छठ घाट की तैयारी और देखभाल का जिम्मा उठाता है। जावे माधव नगर और भुरकुंडा पश्चिम के घाटों पर भी साम्प्रदायिक सौहार्द्र की झलक देखने को मिलती है। भवानीपुर की यह परंपरा समाज को एक नई सीख देती है।

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    भवानीपुर में हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते हैं छठ (सांकेतिक तस्वीर)

    दिवाकर सिंह सूरज, भवानीपुर (पूर्णिया)। प्रखंड जिसे राजधाम के नाम से जाना जाता है, गंगा-जमुनी तहजीब का अद्भुत उदाहरण पेश करता है। यहां हर साल हिंदू और मुस्लिम परिवार लोक आस्था के महापर्व छठ को मिलकर पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह इलाका यह संदेश देता है कि यहां के लोग धर्म से बढ़कर इंसानियत को महत्व देते हैं। शहीदगंज पंचायत के दैत्ता पोखर पर अनोखी सौहार्द्रता और भाईचारे की मिसाल रहा है।

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    भवानीपुर के शहीदगंज पंचायत स्थित भुरकुंडा गांव का दैत्ता पोखर पूरे प्रखंड का सबसे बड़ा और प्रमुख छठ घाट है, और इस घाट की तैयारी एवं देखभाल का जिम्मा मुस्लिम समाज अपने कंधों पर उठाता है। यहां के पूर्व उप प्रमुख जमील अहमद और उनके पुत्र तबरेज आलम, जो कि शहीदगंज पंचायत के पैक्स अध्यक्ष और मुखिया प्रतिनिधि हैं, वर्षों से इस घाट पर व्यवस्था कर रहे हैं।

    घाट बनाने से लेकर सभी आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध इनके परिवार द्वारा किया जाता है। इस दौरान मुस्लिम समाज के लोग जेनरेटर से रोशनी की व्यवस्था भी करते हैं ताकि छठ व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

    जावे, माधव नगर और भुरकुंडा पश्चिम के घाटों पर मिलती है साम्प्रदायिक सौहार्द्र की झलक

    भवानीपुर के जावे गांव, माधव नगर, बरहरी और भुरकुंडा पश्चिम नहर के घाटों पर दोनों दिन हिंदू और मुस्लिम परिवार एक साथ छठ का आयोजन करते हैं। गुलाम रसूल के परिवार सहित कई मुस्लिम परिवार भी छठ व्रत करते हैं और तौसीफ अहमद युवा समाजसेवी उनका भी सक्रिय भूमिका रहता है और छठ के अंतिम दिन, जब सुबह का अर्ध्य समाप्त होता है, तब हिंदू परिवार अपने मुस्लिम भाई-बहनों के बीच छठी मैया का प्रसाद बांटते हैं। यह दृश्य एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करता है।

    भवानीपुर की परंपरा: समाज को एक नई सीख

    भवानीपुर राजधाम के नाम से मशहूर इस प्रखंड ने कोसी क्षेत्र में धार्मिक सहिष्णुता और प्रेम का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह त्योहारों में दिखने वाली एकता उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो धर्म और जाति के नाम पर समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश करते हैं। भवानीपुर का यह दृश्य विशेषकर छठ के दौरान और भी मनमोहक लगता है, जहां हिंदू-मुस्लिम मिलकर इस महापर्व का उत्सव मनाते हैं।

    भवानीपुर का यह प्रखंड साम्प्रदायिक सौहार्द्र और धार्मिक एकता का प्रतीक बन गया है, जो देश के हर कोने में इस अनोखे भाईचारे का संदेश फैलाता है।

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