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    बिहार में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, अब तक 1.2 लाख लोगों को ठगा

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 05:42 PM (IST)

    बिहार में आर्थिक अपराध इकाई ने तीन महीने में चार फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़े हैं। पहला सुपौल और दूसरा भोजपुर में मिला था। तीसरा और चौथा पूर्णिया के बायसी और वाराणसी में थे जिन्हें समस्तीपुर के रोसड़ा से संचालित किया जा रहा था। दूरसंचार विभाग की जांच में साइबर धोखाधड़ी का पता चला जिसमें सिम बॉक्स के जरिए अंतरराष्ट्रीय कॉल को लोकल में बदलकर ठगी की जा रही थी।

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    बिहार में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़

    राजीव कुमार,पूर्णिया। सूबे में तीन माह के दौरान आर्थिक अपराध इकाई ने चार फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा है। सूबे में पहला फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज सुुपौल में पकड़ में आया था। इसके बाद भोजपुर के नारायणपुर में दूसरा फर्जी एक्सचेंज पकड़ा गया।

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    आर्थिक अपराध इकाई ने तीसरा और चौथा फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज, जो सिम बॉक्स के माध्यम से संचालित किया जा रहा था, उसे जब्त किया। यह फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पूर्णिया के बायसी थाना के चरैया में एवं वाराणसी में था।

    समस्तीपुर के रोसड़ा में बैठकर साइबर ठग अपने लैपटाप के माध्यम से इन दोनों एक्सचेंज को संचालित कर रहा था। फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा तब हुआ जब अपर महानिदेशक दूरसंचार द्वारा अपने पत्रांक 3447967, दिनांक 19/08/2025 द्वारा आर्थिक अपराध इकाई को बताया गया।

    दूरसंचार विभाग, बिहार एलएसए के डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट डीआईयू द्वारा संचार सार्थी पोर्टल पर दर्ज नागरिकों द्वारा साइबर फ्रॉड की शिकायतों का विस्तृत जांच एवं टावर डंप डाटा, एवं कॉलिंग पैटर्न के आधार पर पता चला कि समस्तीपुर जिले के भिरहा, मोहरौर, रोसड़ा एवं पूर्णिया जिले के बायसी से संदिग्ध साइबर धोखाधड़ी की गतिविधि अवैध सिम बॉक्स के माध्यम से हो रही है।

    सिम बॉक्स अत्याधुनिक सेटअप है जहां भारतीय नेटवर्क पर अंतरराष्ट्रीय कॉल रूट करने के लिये कई सिम कार्ड का उपयोग एक साथ किया जाता है। इस सिम बाक्स में कई सिम का प्रयोग कर भारत के सीधे-साधे नागरिकों के साथ साइबर फ्राड किया जा रहा है।

    45 मोबाइल नंबरों ने खोला फर्जी एक्सचेंज का राज

    आर्थिक अपराध इकाई को दूरसंचार विभाग ने उन संदिग्ध 45 मोबाइल नंबरों की सूची भी भेजी, जिनसे मई माह 2025 में समस्तीपुर एवं पूर्णिया के बायसी चरैया से 1.2 लाख नागरिकों को साइबर फ्रॉड के लिए कॉल किया गया है। इन 45 में से 40 मोबाइल नंबर समस्तीपुर जिले के मुन्ना कुमार के प्वाइंट ऑफ सेल के माध्यम् से खरीदा गया था।

    मुन्ना हसनपुर रोसड़ा समस्तीपुर का रहने वाला है। इसके बाद जब आर्थिक अपराध इकाई ने इसकी जांच शुरू की तो खुलासा हुआ कि समस्तीपुर जिले के भिरहा, मोहरौर, रोसड़ा एवं पूर्णिया जिले के बायसी के चरैया में साइबर अपराधी द्वारा सिम बाक्स डिवाइस का प्रयोग कर एक समानांतर अवैध टेलीकॉम एक्सचेंज संचालित किया जा रहा है।

    उसके द्वारा अंतरराष्ट्रीय वीओआईपी कॉल को लोकल वाइस काल में परिवर्तित कर साइबर गिरोह द्वारा पूरे देश में साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। वीओआईपी कॉल करने वाला व्यक्ति की पहचान छुपी रहती है, जिसे ट्रेस कर पाना काफी कठिन है।

    समस्तीपुर का अंजनी चलाता था फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज

    जांच में खुलासा हुआ कि समस्तीपुर जिले में सिम बाक्स डिवाइस अंजनी कुमार स्वतंत्र, पिता राम नारायण महतो, ग्राम-ढटट्टा, थाना-रोसड़ा जिला-समस्तीपुर एवं चंद्रबली सिंह, पिता-शिवगुलाम सिंह, वार्ड नं0-08, ग्राम ढटट्टा, थाना-रोसड़ा जिला-समस्तीपुर द्वारा संचालित किया जा रहा है।

    इसके बाद चंद्रबली सिंह को ढटट्टा गांव के समीप सड़क किनारे चाय की दुकान से गिरफ्तार किया गया। चंद्रबली सिंह ने पूछताछ में बताया कि इस गिरोह का मुख्य सरगना अंजनी कुमार स्वतंत्र है। वह अवैध रूप से सिम बॉक्स का संचालन कर आमजनों को फर्जी काल कर उनके साथ साइबर फ्राड की घटना को अंजाम दे रहा हैं।

    उसने बताया कि अंजनी कुमार ने उसको दो डिवाइस, दो राउटर और कुल 16 सिम जुलाई 2025 में दिया। यह सिम रोसडा के सज्जाद द्वारा 1000 रूपये में दिया गया। इसमें एक डिवाइस, एक राउटर एवं 08 सिम को पहले अपने ढटट्टा गांव स्थित अपने आवास में एक महीने चलाया और अगस्त महीने में उसने बनारस में डिवाइस को सेट कर दिया।

    रोसड़ा में बैठकर साइबर ठगी

    एक डिवाइस, एक राउटर एवं 08 सिम बायसी के चरैया में जाकर दिया जो वर्तमान में कार्यरत है, जिसका संचालन भी अंजनी कुमार स्वतंत्र द्वारा अपने पास स्थित लैपटॉप के माध्यम से रोसडा से किया जा रहा है।

    चन्द्रबली की सूचना पर आर्थिक अपराध की टीम ने वाराणसी सिगरा थाना क्षेत्र के लहरतारा, महमुरगंज रोड पंचपेडवा के पास पहुंची यहां बताया गया कि किरायेदार के रूप में संतोष कुमार रहते है उनके कमरे में चंद्रबली सिंह द्वारा सिम बॉक्स सेट किया गया है।

    अंकित कुमार ने अपने किरायेदार संतोष कुमार को घर के दरवाजा पर बुलाया तो संतोष कुमार ने टीम सदस्यों के समक्ष 01 सिम बॉक्स, सिम बॉक्स के 16 एंटीना, एक सफेद रंग का राउटर, 13 बीएसएनएल का सिम एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस दिखाया, जिसे जब्त कर लिया गया।