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    Dev Deepawali in Purnia : 21 हजार दीयों की रोशनी जगमगाया सौरा नदी तट, अद्भुत आरती ने मोह लिया मन

    Dev Deepawali in Purnia - श्रीराम सेवा संघ के तत्वावधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम। बनारस से आए पंडितों ने की महाआरती। झिलमिलाते दीयों से बनाई गई भगवान राम का प्रतिबंब व रंगाली बना था आकर्षण का केंद्र। मनमोहक हुआ नदी तट का नजारा।

    By Manoj KumarEdited By: Shivam BajpaiUpdated: Mon, 07 Nov 2022 11:04 PM (IST)
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    Dev Deepawali in Purnia- देखिए देव दीपावली की मनमोहक तस्वीरें...

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया: पूर्णिया का सौरा तट एक बार फिर देव दीपावली के अवसर पर सोमवार को दीयों की रोशनी से जगमगा उठा। इस बार सौरा नदी तट पर 21 हजार दीये जलाये गये जिसकी छटा सबों का मन मोह रहा था। 21 हजार मिट्टी के दीये की लौ का सौरा नदी से निकल रहा प्रतिबिंब अलग ही मनोरम दृश्य उपस्थिति कर रहा था। उन दीयों को प्रज्वलित करने के लिए बहनों की अलग टोली बनाई गई थी।

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    बहनों एवं श्रीराम सेवा संघ के सदस्यों का परिधान भी खूब जंच रहा था। इस मौके पर बनारस के 11 पंडितों द्वारा मां कोसी की भव्य आरती की गई। कार्यक्रम का आयोजन श्रीराम सेवा संघ द्वारा किया गया। इस बार संघ के सभी सदस्य उजला कुर्ता और उजला पायजामा एवं मस्तक पर साफा धारण किए हुए थे। कार्यक्रम को लेकर स्थल पर पार्किंग एवं सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई थी।

    कार्तिक पूर्णिया के अवसर पर बनारस से आए पंडितों एवं पुरोहितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ देव दीपावली के रूप में कोसी महाआरती की गई। मौके पर शंख ध्वनि से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। इसके बाद धूप और दिए लेकर कोसी की आराधना की गई।

    इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु महाआरती को देखने के लिए पहुंचे थे। महाआरती को लेकर सिटी काली मंदिर के प्रांगण से लेकर सौरा नदी के तट तक फूलों और लाइटिंग से सजाया गया था जो काफी आकर्षक लग रहा था। चारों और भगवा रंग के पताके से सजावट की गई थी। यात्री को किसी भी प्रकार की किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो उसके लिए संघ के सदस्य चप्पे-चप्पे पर तैनात थे।

    इस बार सौरा नदी तट पर एक बड़ी रंगोली बनाई गई थी जो सबों का ध्यान आकृष्ट कर रहा था। बताया गया कि इतनी बड़ी रंगोली आज तक पूरे प्रदेश में कहीं नहीं बनाई गई है। वहीं दीपों के माध्यम से प्रभु श्रीराम की आकृति व बड़ी सी स्वास्तिक सहित ओम की आकृतियां बनाई गई थी जिस पर सभी की नजरें ठहर रही थीं। वहीं मनमोहक सजावट की गई थी।

    भगवा पताकों से सजे घाट के साथ विशेष रूप से सजी हुई आरती चौकी लोगों को खूब भा रही थी। फूल और रंगीन बल्बों से मां काली मंदिर के प्रांगण और आरती स्थल मार्ग की आकर्षक ढंग से सजावट की गई थी। वहीं 21000 मिट्टी दीप को प्रज्वलित करने के लिए बहनों की एक विशेष टोली बनाई गई थी।

    मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने देवलोक पर हाहाकार मचाने वाले त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का संहार किया था। उसके वध की खुशी में देवताओं ने इसी दिन दीपावली मनाई थी। इसलिए हर साल लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाते हैं।

    हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। इस दिन गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करन पुण्यकारी माना जाता है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संघ के मनीष पांण्डे, राणा प्रताप सिंह, मनीष राज, सूरज आर्या, वापन दा, शंकर कुन्दन, रोहित, दीपू, गौरव सहित आदि कार्यकर्ताओं ने अपनी भूमिका निभाई