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    बिहार के तीन दोस्तों ने साइबर वर्ल्ड में मचाया हड़कंप, देश के नागरिकों का निजी डाटा किया लीक

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 11:39 AM (IST)

    पूर्णिया में तीन दोस्तों के एक गिरोह ने साइबर की दुनिया में हड़कंप मचा दिया। बिहार एसटीएफ ने साइबर पुलिस के साथ मिलकर गिरोह के सरगना राकेश और उसके सहय ...और पढ़ें

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    राजीव कुमार, पूर्णिया। तीन दोस्तों की तिकड़ी ने साइबर की दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। हालांकि, बिहार एसटीएफ ने साइबर पुलिस के साथ इस गिरोह के सरगना पूर्णिया के रहने वाले राकेश एवं उसके एक सहयोगी रोहन कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि उसका एक सहयोगी रौनक कुमार मिश्रा की तलाश पुलिस ने तेज कर दी है।

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    रौनक मिश्रा की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ सहित साइबर पुलिस की कई टीमों को लगाया गया है। तीन दोस्तों की इस तिकड़ी ने प्राक्सी अर्थ डॉट ओरजी नामक वेबसाइट बनाकर देश के नागरिकों का निजी एवं सवंदेशील डाटा लीक करने का काम किया है। इस तिकड़ी द्वारा बड़ी मात्रा में गोपनीय एनं निजी डाटा को बेचने का काम भी किया गया है।

    बताया जाता है कि एसटीएफ बिहार को यह सूचना मिली कि इस तिकड़ी गिरोह का सरगना पूर्णिया का है। जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने जाल बिछा कर उसे पूर्णिया से दबोचने का काम किया।

    राकेश कुमार पिता दीपक मंडल, डिमिया छत्रजान, श्रीनगर चौक, दीवानगंज थाना- मुफ्फसिल, जिला -पूर्णिया का रहने वाला है।

    इसके घर पर छापामारी कर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किया गया जिसके अवलोकन बाद राकेश कुमार के विरुद्ध पूर्णिया साइबर थाना कांड संख्या- 96/25 धारा-338/337/340(2)/318(4)/319(2)/61(2)/3(5) बीएनएस, 43/66/66(B)/66(C)/66(D)/67/72 IT Act, Sec. 3 The Banning of Unregulated Deposits Scheme Act-2019 & 42(2)/42(3) Indian Telecom Act के तहत दर्ज किया गया।

    इसके पास से छापामारी में नौ मोबाइल फोन, एक एप्पल कंपनी का टेब. एक एप्पल कंपनी का एमएसी बुक. असु्स कंपनी का लेपटाप, कई कंपनियों के पासबुक, कई कंपनियों का एटीएम कार्ड, नकदी, दो लाख, अस्सी हजार ट्रस्ट वैलेट में में $ 194,670.95 भारतीय रुपये में लगभग 17,520,300 (एक करोड़, पचहत्तर लाख, बीस हजार, तीन सौ) रुपये पाया गया।

    राकेश ने वर्ष 2021 में मैट्रिक पास करने के बाद खरीदा था मोबाइल

    राकेश कुमार वर्ष 2021 में मैट्रिक पास करने के बाद छात्रवृति के रूप में मिली दस हजार की राशि से रेडमी का स्मार्ट फोन खरीदा था। राकेश ने मैट्रिक की शिक्षा उच्च विद्यालय चांदी रजीगंज से पास की जबकि इंटर 2023 में गुलाबचन्द्र साह रानीपतरा से किया।

    गिरफ्तारी के बाद पुलिस के समक्ष दिए गए बयान में राकेश ने स्वीकार किया है कि पहली बार स्मार्ट फोन खरीदने के बाद उसने वर्ष 2021 में ही सोशल मीडिया पर वॉट्सऐप, टेलीग्राम, इंस्ट्राग्राम पर अपना एकाउंट बनाया। बताया कि उसके पिता राजमिस्त्री थे और परिवार में गरीबी थी।

    इस कारण वह सोशल मीडिया से पैसे कैसे कमाया जाए, इसका तरीका सीखने लगा। इसके बाद शुरू में उसने टेलीग्राम पर राकेश एक्स ऑफिशियल चैनल बनाकर उसमें ऑनलाइन गेम को प्रमोट करने वाला स्क्रीन रिकॉर्डेड रील डालने लगा। जिससे उसके चैनल के फॉलोवर एवं सब्सक्राइबर की संख्या तेजी से बढ़ने लगी।

    इसी टेलीग्राम पर उसकी दोस्ती कई लोगों से हुई जिनके सहयोग से कई गेमिंग एप का प्रमोशन किया जिससे काफी पैसे मिले।

    किप्टोकरेंसी में आते थे पैसे, रोहन उपलब्ध कराता था अवैध खाता व सिम

    साइबर गिरोह के सरगना राकेश ने इस बात का खुलासा किया है कि उसे जो पैसे आते थे वह क्रिप्टोकरेंसी में आते थे। इसको वह डार्क नेट पर जाकर भारतीय करेंसी बनाता था और फिर पूर्वी चंपारण के गोविदगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले रोहन पाण्डेय के द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते एवं मोबाइल सिम के सहारे पैसे की निकासी कर लेता था।

    इसके बाद उसने तीन साथियों ने मिलकर ज्यादा पैसा कमाने के लिए प्रोक्सी अर्थ डॉट ओरजी नामक वेबसाइट खरीदा। इस वेबसाइट के लिए राकेश ने टेलीग्राम ग्रूप एट द रेट डीडीसी ग्रुप के माध्यम से मिले ऑनलाइन व्यक्ति से एपीआई खरीदा और वेबसाइट बनाया।

    इस वेबसाइट में किसी का मोबाइल नंबर डालते ही मोबाइल नंबर यूजर की सारी जानकारी इस बेबसाइट के जरिए मिलने लगी।