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    यूपी एसटीएफ की छापेमारी से खुला राज, सीमांचल से होते हुए बांग्लादेश पहुंच रही कफ सीरप

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 03:00 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश एसटीएफ की छापेमारी में कफ सीरप तस्करी का खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि सीमांचल के रास्ते कफ सीरप बांग्लादेश पहुंचाई जा रही है। एस ...और पढ़ें

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     यूपी में जब्त कफ सिरप की जांच की आंच पहुंची सीमांचल। सांकेतिक तस्वीर

    राजीव कुमार, पूर्णिया। यूपी एसटीएफ द्वारा जब्त कफ सिरप की जांच की आंच अब बिहार के सीमांचल तक पहुंच गयी है। यूपी एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि कफ सिरप के तस्करों द्वारा झारखंड में स्टॉक प्वाइंट बनाकर सीमांचल के रास्ते इसकी खेप बंगलादेश पहुंचाया जा रहा था।

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    बंगलादेश तक कफ सिरप की खेप पहुंचाने के लिए तस्करों द्वारा बंगाल की सीमा से सटकर बहने वाली मेघना नदी का सहारा लिया जाता है। इस खुलासे के बाद यूपी एसटीएफ ने इस मामले में बिहार एसटीएफ से मदद मांगी है।

    कफ सिरप तस्करी के खेल में झारखंड का सबसे बड़ा तस्कर मामले के खुलासे के बाद से फरार है।बताया जा रहा है कि मामला सामने आने के बाद वह दुबई भाग गया है। यूपी से लेकर झारखंड बिहार तक फैले इस कफ सिरप तस्कर गिरोह के खिलाफ पूर्णिया में भी आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज है।

    यहां वर्ष 2025 में चार ट्रक कफ सिरप पुलिस द्वारा जब्त किया गया, जिसे झारखंड से बंगलादेश ले जाया जा रहा था। इसके अलावा मधेपुरा में भी कफ सिरप के दो मामले दर्ज है।

    झारखंड के रांची में भी कफ सिरप की खेप पकड़े जाने के बाद झारखंड सीआइडी की टीम इस मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा यूपी में कफ सिरप के मामले में यूपी एसटीएफ द्वारा सौ से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

    बंगलादेश में फेंसी ड्रिल कफ सिरप की काफी ज्यादा मांग है। इसका उपयोग वहां नशे के रूप में किया जाता है। फेंसी ड्रिल में कोडिन की मात्रा चार फीसद होने के कारण पचास रूपये मूल्य का कफ सिरप वहां पांच सौ रूपये में बिक रहा है।

    पूर्णिया में चार खेप में जब्त हुआ था 1. 20 लाख बोतल कफ सिरप

    पूर्णिया पुलिस ने एक माह के दौरान एक लाख बीस हजार बोतल कफ सिरप बरामद किया था। इस मामले में हैदराबाद के रहने वाला मु. रियाज का नाम पहली बार सामने आया था। जब इस मामले की जांच आगे बढ़ी तो यह खुलासा हुआ कि मु. रियाज के नाम पर तस्करी करने वाला मूल रूप से महाराष्ट्र के आौरंगाबाद का रहने वाला मु. जुबेर है। जुबेर ने दो शादियां कर रखी, जिसमें एक पत्नी असम की तो दूसरी महाराष्ट्र की रहने वाली है। जुबेर ही मु. रियाज के फेक नाम उपयोग कर इस कारोबार को अंजाम दे रहा था।

    कफ सिरप की तस्करी के इसने अपने नाम से सात ट्रक झारखंड नंबर के खरीद रखे हैं, जिसमें से अब तक पूर्णिया पुलिस चार ट्रकों को जब्त कर चुकी है। कफ सिरप की तस्करी झारखंड के हजारीबाग के बघोदरा से बंगाल के बुग्गीमारा के रास्ते बंगलादेश में की जा रही है। पुलिस ने अब तक कफ सिरप लदे जिन चार ट्रकों को पुलिस ने अब तक जब्त किया है उसमें तीनों ट्रकों के चालक एवं उपचालक महाराष्ट्र के जबकि एक ट्र्क का चालक एवं उपचालक यूपी के रहने वाले थे।

    13 मई 2025 को पूर्णिया में पकड़ी गयी थी पहली खेप

    पूर्णिया पुलिस ने 13 मई 2025 को मंरगा थाना क्षेत्र कफ सिरप की पहली खेप पकड़ी गई थी। उस ट्रक से पुलिस ने 29 हजार 990 बोतल कफ सिरप बरामद किया था। इसके बाद बायसी में 20 जून 2025 को को 40 हजार बोतल कफ सिरप की खेप पकड़ा गया। इसके बाद तीसरी 40 हजार बोतल कफ सिरप की खेप 28 जून 2025 को सरसी थाना क्षेत्र में पकड़ा गया।

    यूपी के कफ सिरप के तस्करों का रांची के हटिया में है सबसे बड़ा स्टाट प्वाइंट

    कफ सिरप के तस्करों का सबसे बड़ा स्टाक प्वाइंट रांची के हटिया में होने की बात सामने आई है। इसके अलावा हजारीबाग एवं धनबाद में भी इस गिरोह द्वारा कई स्टांक प्वाइंट बनाकर रखा गया है। इन स्थानों पर हिमाचल एवं अरूणाचल प्रदेश से कफ सिरप की खेप लाकर स्टाक किया जाता है। इसके बाद बंगाल के सीमा पर पहुंचाने के बाद गोताखोरों की मदद से मेघना नदी के रास्ते कफ सिरप बंगलादेश तक पहुंच रहा है।