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    बिहार के कई शहरों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला शातिर गिरफ्तार, फर्जी आधार कार्ड बरामद

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 03:18 PM (IST)

    पूर्णिया में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला ब्रजेश श्रीवास्तव साइबर थाना पुलिस के हत्थे चढ़ा। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला दर्ज था। उसके पास से कई आधार कार्ड बरामद हुए। वह अलग-अलग नामों से युवकों को ठगता था और उनसे लाखों रुपये ऐंठता था। पुलिस ने उसे आनंद नगर से गिरफ्तार किया और मामले की जांच कर रही है।

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    बिहार के कई शहरों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला शातिर गिरफ्तार

    राजीव कुमार, पूर्णिया।  बिहार के कई शहरों में नौकरी के नाम पर युवकों से ठगी करने वाला ब्रजेश श्रीवास्तव आखिरकार पूर्णिया में साइबर थाना पुलिस के हत्थे चढ़ गया। साइबर थाना में उसके खिलाफ रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला दर्ज था। गिरफ्तारी के बाद उसने कई चौंकाने वाले राज उगले। छापेमारी के दौरान उसके पास अलग-अलग नामों के कई आधार कार्ड बरामद हुए।

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    अररिया में उसे अभय के नाम से जाना जाता था, तो कहीं ब्रजेश यादव और कहीं ब्रजेश श्रीवास्तव के नाम से पहचान थी। उसने राज्य के कई शहरों में युवकों से ठगी कर लाखों रुपये ऐंठे।  ब्रजेश श्रीवास्तव, पुत्र स्वर्गीय रामेश्वर श्रीवास्तव, मूलत: छपरा के भटगाही का रहने वाला है। उसने पूर्णिया में सदर थाना क्षेत्र के आनंद नगर, वार्ड 42, खुश्कीबाग में अपना ठिकाना बना रखा था।

    उसने पुलिस को बताया कि 10 वर्ष की उम्र में मां की मृत्यु हो गई और पिताजी की दूसरी शादी के बाद सौतेली मां-पिताजी द्वारा मारपीट से नाराज होकर वह अररिया भाग गया। वहां उसने ठेला चलाया और मजदूरी की। बाद में वह गुल्लु साह की किराने की दुकान में काम करने लगा, जहां उसने सोनी देवी से विवाह किया।

    शिवपुरी अररिया में जमीन खरीद मकान बनाया, लेकिन 2019 में लाकडाउन के दौरान रोजी-रोटी की समस्या के कारण मकान बेचकर पूर्णिया आ गया। यहां उसने ग्राम-बाधमारा में बेदानंद सिंह के मकान में किरायेदार के रूप में रहने लगा। ब्रजेश ने बताया कि वह आइटीआइ का सर्टिफिकेट देकर रेलवे में नौकरी दिलाने का काम रुपये लेकर करता था।

    शिवनगर स्थित बथनाहा शिव मंदिर के पुजारी देव नारायण चौहान के दामाद राजेश रंजन चौहान ने गत 11 जुलाई को मोबाइल पर उससे संपर्क किया। इसके बाद राजेश और पुजारी घर आए और बातचीत हुई। दो-तीन दिन बाद राजेश ने 1,80,000 रुपये उसके बैंक खाते में भेजे। इसके बाद ब्रजेश ने मोबाइल नंबर फेंक दिया और परिवार सहित आनंद नगर खुश्कीबाग आ गया।

    ब्रजेश आनंद नगर स्थित कृत्यानंद यादव के किराये के मकान में रह रहा था, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। छापेमारी में उसके पास ब्रजेश श्रीवास्तव और गुड्डु सिंह के नाम से आधार कार्ड बरामद हुए, जिनमें से एक आधार नंबर 911263971781 था। इसके अलावा कई अन्य आधार कार्ड भी जब्त किए गए।

    साइबर डीएसपी सह थानाध्यक्ष चंदन ठाकुर का कहना है कि ब्रजेश श्रीवास्तव के खिलाफ 14 अगस्त को साइबर थाना में मामला दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी और बरामदगी के बाद कई युवकों से ठगी की कहानी उजागर हुई है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।