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    लेडी सिंघम IPS Sweety Sahrawat का बड़ा कारनामा... 84 मोबाइल संग 7 अपराधियों को दबोचा, PM Modi की पूर्णिया रैली से कनेक्शन

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 12:03 AM (IST)

    Bihar News बिहार के पूर्णिया में एसपी स्वीटी सहरावत की अगुआई में पुलिस ने सात साइबर ठगों को धर दबोचा। इनमें 6 अपराधी झारखंड के और एक पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। इनके पास से पुलिस ने 84 मोबाइल फोन बरामद किए हैं जिनमें 81 मोबाइल चोरी के बताए गए हैं।

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    Bihar News: बिहार के पूर्णिया में एसपी स्वीटी सहरावत की अगुआई में पुलिस ने सात साइबर अपराधियों को धर दबोचा।

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। Bihar News बिहार के पूर्णिया में सहायक खजांची थाना की पुलिस ने शहर में सक्रिय साइबर गिरोह के सात साइबर ठगों को पकड़ा है। शातिर गिरोह सभा या फिर भीड़भाड़ वाले मार्केट एरिया में लोगों के मोबाइल चोरी करते थे और फिर डिजिटल अकाउंट से रुपए को फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते थे। गुप्त सूचना पर बस स्टैंड में दबिश देकर पुलिस ने 81 मोबाइल के साथ शातिर साइबर ठगों को दबोचा।

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    तलाशी में इनके पास से 84 मोबाइल बरामद हुए, जिनमें 81 चोरी के निकले। एक मोबाइल की कीमत 25 से 30 हजार के बीच है। इसके अलावा 8 सिम कार्ड और 4 आधार कार्ड भी जब्त किए गए। इसी गिरोह ने बीते 15 सितंबर को सीसाबाड़ी में आयोजित प्रधानमंत्री मोदी की सभा से 23 मोबाइल चोरी किए थे और उन फोन से लाखों के ट्रांसफर किए गए थे।

    पकड़े गए साइबर ठगों में 6 सदस्य झारखंड के जबकि एक पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। इनमें मुन्ना कुमार मंडल, राजेश कुमार महतो उर्फ छूमंतर, पप्पू महतो उर्फ पप्पू नोनिया, कपूर महतो, गणेश कुमार महतो और एक किशोर झारखंड का रहने वाला है। जबकि कार्तिक नोनिया नाम का शातिर ठग पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले से ताल्लुक रखता है।

    एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि सहायक खजांची थानाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार को शहर में सक्रिय एक ऐसे गिरोह के बारे में सूचना मिली, जो सभा या फिर भीड़भाड़ वाले मार्केट एरिया में मोबाइल फोन की चोरी करते हैं। गिरोह के सदस्य पहले मोबाइल चुराते और फिर चोरी किए गए मोबाइल का लॉक तोड़ने के बाद मोबाइल से जुड़े डिजिटल अकाउंट से यूपीआई के जरिए पैसे ट्रांसफर करते। ये रुपए फर्जी खाते में ट्रांसफर किए जाते। अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने के बाद इस मोबाइल को या तो लोकल मार्केट में या फिर बंगाल में ले जाकर भेज देते थे।

    यह गिरोह पूर्णिया शहर में पिछले चार महीने से एक्टिव था। जिसके बाद सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। गठित टीम में सहायक खजांची थाना के अलावा डीआईयू की टीम शामिल रही। मिली सूचना पर पूर्णिया बस स्टैंड में छापेमारी की। रेड करते हुए पुलिस ने 7 साइबर ठगो को पकड़ा। इनमें 6 सदस्य झारखंड के जबकि एक पश्चिम बंगाल का रहने वाला है।

    पकड़े गए युवकों के पास से तलाशी के क्रम में 81 मोबाइल, 8 सिम कार्ड, 4 मोबाइल और अन्य 3 मोबाइल बरामद की गई। चोरी किए गए एक मोबाइल की कीमत 25 से 30 हजार के बीच है। सख्ती से पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वे लोग 3 से 4 महीने से शहर में एक्टिव थे। जो बिलौरी के पास एक लॉज में रह रहे थे।

    टीम से जुड़े दो सदस्यों के पास टेक्निकल अनुभव था। मोबाइल के लॉक तोड़ने से लेकर अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने में ये दोनों माहिर थे। भीड़-भाड़ वाले मार्केट एरिया और आयोजन स्थल को ये अपना निशाना बनाते थे। चोरी किए गए मोबाइल का लॉक तोड़कर डिजिटल अकाउंट से सीधे यूपीआई के जरिए पैसे ट्रांसफर करते थे। फर्जी खातों में रुपये भेजने के बाद मोबाइल को लोकल मार्केट या फिर पश्चिम बंगाल में बेच दिया जाता था।

    पूछताछ में साइबर ठगो ने बताया कि बीते 15 अगस्त को पूर्णिया के सीसाबाड़ी में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से इस गिरोह ने 23 मोबाइल चोरी किए। चोरी के मोबाइल से जुड़े डिजिटल खातों से भी लाखों की हेरफेर की गई। गठित टीम में सहायक खजांची थानाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार, एसआई शैलेश कुमार सिंह, पंकज कुमार, मनोहर पासवान के अलावा सिपाही धर्मेन्द्र कुमार और रोमा कुमारी समेत डीआईयू की टीम शामिल रही।

    पुलिस ने बताया कि बरामद हुए मोबाइल फोन के असली मालिकों की पहचान कर उन्हें इसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं डिजिटल ट्रांजैक्शन की जांच कर ये भी पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने लाख रुपये का ट्रांजेक्शन इस गिरोह ने किया है।