By Prakash VatsaEdited By: Mukul Kumar
Updated: Fri, 24 Nov 2023 10:41 AM (IST)
बिहार में थोड़ी सुधार के बाद हवा की स्थिति फिर दयनीय हो गई है। एक बार फिर पूर्णिया शहर की हवा बिषैली हो चुकी है। वायु का गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर चार सौ के करीब पहुंच चुका है। लगातार दूसरे दिन पूर्णिया देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है। आम लोगों के लिए यह स्थिति खतरनाक हो रही है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। एक बार फिर पूर्णिया शहर की हवा बिषैली हो चुकी है। वायु का गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर चार सौ के करीब पहुंच चुका है। लगातार दूसरे दिन पूर्णिया देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है। सड़कों व निर्माण कार्यों का धूल यहां की हवा के लिए शूल बन गया है।
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आम लोगों के लिए यह स्थिति खतरनाक हो रही है। इसको लेकर नगर निगम व जिला प्रशासन की भी संजीदगी बस दिखावा भर रह गया है। सड़कों पर जहां पूर्व की तरह धूल उड़ रहे हैं, वहीं विरले भवन निर्माण कार्य शेड से ढक कर किया जा रहा है।
लगातार विकट हो रही स्थिति
बता दें कि बुधवार को यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक जहां 406 था, वहीं गुरुवार को भी लगभग वही स्थिति रही और यह सूचकांक 385 दर्ज किया गया। तीन सौ से पार सूचकांक को बेहद खराब माना जाता है। इसी तरह चार सौ से ज्यादा सूचकांक को गंभीर माना जा रहा है।
एक माह के अंदर यह चौथा अवसर है जब पूर्णिया का वायु गुणवत्ता सूचकांक चार सौ के पार पहुंचा है। बता दें कि शहर में जर्जर सड़कों का धूल, शहरी क्षेत्र में एन एच का निर्माण सहित मानक की अनदेखी कर हो रहे भवन निर्माण से स्थिति लगातार विकट हो रही है।
सड़क पर जलाये जा रहे कचरा
इसमें वनभाग से मरंगा बायपास के निर्माण कार्य ने नीम पर करेला वाली स्थिति पैदा कर दी है। इसी तरह, सड़कों के किनारे फेके गए कचरा आदि भी बेखौफ जलाये जा रहे हैं।
मझली चौक से वनभाग तक चल रहे एन एच 107 के निर्माण के चलते जहां इस पथ से नित्य गुजरने वाले हजारों लोगों की परेशानी चरम पर है, वहीं इससे वायु की सेहत को सबसे ज्यादा खराब किया है।
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