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    बिहार विवाह निबंधन नियमावली 2006 की उड़ रही धज्जियां

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    Updated: Fri, 20 Apr 2012 08:36 PM (IST)

    राजीव कुमार, पूर्णिया

    पूर्णिया जिले की आबादी भले ही तीस लाख हो और यहां हर वर्ष 80 हजार से ज्यादा लोग शादी के पवित्र बंधन में बंधते हों, मगर सच्चाई यह है कि यहां चार वर्षो में महज 103 जोड़ों की शादी का ही निबंधन हो पाया है। पूर्णिया में विशेष विवाह अधिनियम 1954 एवं बिहार विवाह निबंधन नियमावली 2006 की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिला अवर निबंधन पदाधिकारी एआर अनवर भी मानते हैं कि जितनी संख्या में विवाह का निबंधन जिले में हुआ है वह काफी कम है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह पंचायत एवं वार्ड के विवाह निबंधन पदाधिकारी द्वारा विवाह निबंधन को गंभीरता से नहीं लेना है। पंचायत में पंचायत के मुखिया एवं नगर निगम क्षेत्र में वार्ड पार्षद विवाह निबंधन पदाधिकारी होते हैं।

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    विवाह निबंधन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार 2009 में 25 निबंधन कराए गए। इनमें जनवरी में तीन, फरवरी में दो, मार्च में कोई निबंधन नहीं, अप्रैल में एक, मई में तीन, जून में शून्य रहा। इसके अलावा जुलाई में तीन, अगस्त में तीन, सितम्बर में तीन, अक्तूबर में चार, नवम्बर में दो एवं दिसम्बर में एक विवाह का निबंधन हुआ। 2010 में 28 जोड़ों ने अपनी शादी का निबंधन कराया। जिसमें जनवरी में 2, फरवरी 2, मार्च 0, अप्रैल 4, मई 3, जून 0, जुलाई 3, अगस्त 01, सितम्बर 2, अक्तूबर 2, नवम्बर 5 एवं दिसम्बर में 4 विवाह का निबंधन कराया गया। 2011 में 36 जोड़ों ने अपनी शादी का निबंधन कराया जिसमें जनवरी में तीन, मार्च में चार, अप्रैल में छह, मई में दो, जून में एक जुलाई में एक, अगस्त में आठ, सितम्बर में एक, अक्तूबर में पांच, नवम्बर में एक एवं दिसम्बर में चार का विवाह निबंधन हुआ। वहीं 2012 के जनवरी में छह, फरवरी में पांच एवं मार्च में तीन का निबंधन हुआ है।

    क्या है शादी के निबंधन की प्रक्रिया

    शादी के निबंधन की प्रक्रिया काफी आसान है। इसके लिए निबंधन कराने वाले व्यक्ति को अपने निकट के विवाह निबंधन पदाधिकारी के यहां एक निबंधन फार्म भरकर देना पड़ता है। जिस पर विवाह करने वाले व्यक्ति का हस्ताक्षर होता है तथा एक गवाह इसके ऊपर अपना हस्ताक्षर करता है। इसके एवज में कोई शुल्क अदा नहीं करनी पड़ती है। अवर निबंधन पदाधिकारी कहते हैं कि शादी के निबंधन के लिए ज्यादा लोगों के आगे नहीं आने के पीछे जागरूकता सबसे बड़ी कमी है। वे कहते हैं कि राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में विवाह करने वाले सभी जोड़ों का शादी का निबंधन कराना आवश्यक है। मगर इसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसके लिए पंचायत एवं वार्ड के निबंधन पदाधिकारी भी लापरवाही बरतते हैं। सरकारी निर्देश के आलोक में शादी के बाद निबंधन नहीं कराने वाले जोड़ों के लिए आर्थिक दंड का भी प्रावधान है मगर इसका भी सख्ती से अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

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