कोमल है कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है..
पूर्णिया। कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम ही नारी है जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है। इ
पूर्णिया। कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम ही नारी है जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है। इन पंक्तियों की सार्थकता उस वक्त चरितार्थ हुई जब महिलाओं ने दर्जनों शराब भट्ठियों को नष्ट कर दिया। सिर चढ़कर बोल रही शराब के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया। सरकार के शराबबंदी की घोषणा के बाद महिलाओं का विश्वास और जगा है। शराब के कारण जहां हर महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से घर में प्रताड़ित होती है वहीं ग्राम कचहरी और थाना हर दिन मामला पहुंचता है। शराब के खिलाफ महिलाओं का यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
डुमरी गांव में शराब के खिलाफ महिलाओं द्वारा उठाया कदम मील का पत्थर साबित होगा तथा इसकी प्रशंसा हर तरफ होने लगी है। इस चेतना को आगे बढ़ाने तथा अपने को सुरक्षित करने के लिए ऐसा कदम उठाने को महिलाओं को आगे आना होगा। इस प्रखंड क्षेत्र में डुमरी के बाद गोड़ियर पूरब एवं पश्चिम पंचायत में सबसे ज्यादा अवैध शराब की भट्ठियां हैं। यहां तक कहा जाता है कि शराब से एक भी ऐसा परिवार नहीं होगा जो अछूता होगा। इस शराब के कारण यहां प्रतिदिन थाना या ग्राम कचहरी में मामला दर्ज होना आम बात है। इससे खासकर महिलाओं का जीना दूभर हो गया है। इसी तरह रूपौली थाना के कई गांव में अवैध शराब की भट्ठियां चल रही हैं। यहां भी पुलिस द्वारा या आबकारी विभाग द्वारा बस खानापूर्ति कर ली जाती है। यह तो एक बानगी है। रूपौली के कुछ गांव को छोड़ दें तो कोई भी ऐसा गांव नहीं होगा जहां अवैध शराब नहीं बनती है। इतना ही नहीं विदेशी शराब का भी कारोबार यहां धड़ल्ले से चालू है। जिसका प्रमाण है कि पिछले चुनाव के समय यहां के क्षेत्रों से बरामद हुए हजारों बोतल विदेशी शराब की पकड़ाई थी। अब जबकि सरकार द्वारा एक अप्रैल से शराबबंदी की घोषणा कर दी गई है और शराब भट्ठियों को नष्ट करने का आह्वान किया गया है तो महिलाओं को अपने सुख शांति और समाज की बेहतरी के लिए शक्ति के अवतार के अवधारणा को चरितार्थ करना होगा।
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