मार्डन वास्तुशिल्प का नायाब उदाहरण है पटना का नया कलेक्ट्रेट भवन, एक छत के नीचे मिलेंगी सभी प्रशासनिक सेवाएं
पटना का नया समाहरणालय भवन आधुनिक वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 दिसंबर 2024 को इसका उद्घाटन किया। भूकंपरोधी तकनीक और पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं से युक्त, यह आपदा के समय भी कामकाज को सुचारू रखने में सक्षम है। दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधाएं, पार्किंग और डेटा नेटवर्क जैसी व्यवस्थाएं इसे खास बनाती हैं। अब आम लोगों को प्रशासनिक सेवाएं एक ही स्थान पर मिल रही हैं।

जिले के नए प्रशासनिक ठिकाने में रखा गया पर्यावरण संरक्षण का पूरा ध्यान
डिजिटल डेस्क, पटना। राजधानी पटना का नया समाहरणालय भवन जिला प्रशासन का नया ठिकाना है। यह भवन आधुनिक वास्तुशिल्प का नायाब उदाहरण है। भूकम्परोधी तकनीक से तैयार इस भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 दिसंबर 2024 को किया था। इसे इस प्रकार तैयार किया गया है किसी आपदा के दौरान भी यहां कामकाज प्रभावित न हो।
इसमें 40 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, पानी शुद्ध करने वाली प्रणाली और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। इससे यह भवन पर्यावरण अनुकूल साबित होता है। इसमें आम आदमी विशेषकर दिव्यांगजनों के लिए खास सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। रैम्प और बेसमेंट से ही लिफ्ट की व्यवस्था है, जिससे आने-जाने में कोई परेशानी न हो।
इसके साथ ही कार्यालय परिसर में सभी सुविधाओं जैसे डाटा नेटवर्क, सीसीटीवी, आंतरिक साजो सज्जा की व्यवस्था की गई है। ये सभी विशेषताएं ही इस भवन को सबसे खास और अलग बनाता है। समाहरणालय में पार्किंग की भी अच्छी व्यवस्था की गई है। परिसर में 204 गाड़ियों के लिए खुली पार्किंग और 240 गाड़ियों के लिए बेसमेंट पार्किंग बनाई गई है।
भवन बनाते समय पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा गया है। पुराने वृक्षों को काटा नहीं गया, बल्कि संरक्षित किया गया है। इसके अलावा परिसर को सुंदर और दर्शनीय बनाने के लिए पुराने समाहरणालय भवन के पुराने स्तंभों को सहेजकर परिसर के एक ओर आकर्षक ढ़ंग से संरक्षित किया गया है।
इस नए भवन से आमजनों को अलग अलग दफ्तरों में भटकने की जरूरत नहीं होती और उनके काम आसानी से हो रहे हैं। उन्हें सभी प्रशासनिक सेवाएं एक ही जगह पर मिल रही हैं।
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