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    बिहार की सड़कों पर बढ़ी महिला ड्राइवरों की संख्या, परिवहन विभाग के आंकड़ों में दिखा बड़ा बदलाव

    बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है। 2018 से अब तक, राज्य में 1 लाख 29 हजार से ज्यादा महिलाओं ने दोपहिया और चारपहिया वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किए हैं। पटना जिले में सबसे ज्यादा 29 हजार 417 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए हैं। परिवहन विभाग के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

    By Amit Singh Edited By: Amit Singh Updated: Fri, 20 Jun 2025 09:19 PM (IST)
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    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की महिलाएं अब उन क्षेत्रों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, जिन्हें अब तक पुरुषों तक सीमित माना जाता था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महिलाओं के हल्के मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2018 से अबतक राज्य में एक लाख 29 हजार से अधिक महिलाएं दोपहिया और चारपहिया वाहनों की ड्राइविंग लाइसेंस धारक बन चुकी हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले आठ वर्षों में सबसे अधिक पटना जिले की 29 हजार 417 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है। इसके बाद मुजफ्फरपुर जिले की 18 हजार 560 महिलाएं ड्राइविंग लाइसेंस पाकर सशक्त बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं।

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    पटना प्रमंडल की महिलाओं के पास सर्वाधिक ड्राइविंग लाइसेंस

    ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में पटना प्रमंडल की महिलाएं सबसे आगे हैं, जहां 40 हजार से अधिक महिलाओं के नाम ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किए गए हैं। इसके बाद तिरहुत प्रमंडल में लगभग 33 हजार महिलाएं ड्राइविंग लाइसेंस धारक हैं। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के मामले में तीसरे स्थान पर दरभंगा, चौथे पर मगध और पांचवें पर मुंगेर प्रमंडल की महिलाएं हैं। वहीं, सबसे कम कोसी प्रमंडल में लगभग चार हजार महिलाओं के पास ड्राइविंग लाइसेंस है।

    महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम

    परिवहन सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी ने इस बदलाव पर कहा कि पहले महिलाएं बच्चों को स्कूल छोड़ने-लाने, ऑफिस जाने, बाजार से खरीदारी जैसे कामों के लिए दूसरों पर निर्भर रहती थी। अब इसमें बदलाव हो रहा है। अब महिलाएं न केवल ड्राइविंग लाइसेंस ले रही हैं. बल्कि आत्मविश्वास के साथ ड्राइविंग सीट पर भी दिख रहीं हैं।