बिहार सरकार ने पशुपालकों के जीवन में लायी खुशहाली, 20 वर्षों में तीन गुना बढ़ा पशु उत्पाद
बिहार में कृषि रोड मैप के कारण पशु उत्पादों, जैसे दूध, अंडा, मांस और मछली के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले 20 वर्षों में, मछली उत्पादन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे बिहार मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है। दूध, अंडा और मांस के उत्पादन में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई है। इस प्रगति ने लाखों बेरोजगारों को रोजगार दिया है और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सरकार का लक्ष्य चौथे कृषि रोड मैप के माध्यम से इस वृद्धि को जारी रखना है।
20 वर्षों में, मछली उत्पादन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। कृषि रोड मैप से पशु उत्पादों के उत्पादन में अच्छी वृद्धि हुई है। इससे राज्य में दूध, अंडा, मांस और मछली के उत्पादन में भारी वृद्धि देखी गई है। इससे बिहार अब मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है। मछली उत्पादन 2.68 लाख टन (2005 से पहले) से बढ़कर 8.73 लाख टन (2023-24) हो गया।
इस तरह करीब 20 वर्षों में बिहार में मछली उत्पादन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। वहीं, दूध उत्पादन 2004-05 के 4,743 हजार टन से बढ़कर अब (2023-24) 12,852.99 हजार टन हो गया है।
अंडा उत्पादन 79 करोड़ (2004-05) से बढ़कर 344 करोड़ (2023-24) हो गया है। जबकि मांस उत्पादन 176 हजार टन (2004-05) से बढ़कर 404.30 हजार टन (2023-24) हो गया है। पिछले 20 वर्षों में इन उत्पादों के उत्पादन में हुई तीव्र वृद्धि बिहार के विकास को दर्शाती है।
इससे राज्य के लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिला है। सरकार का लक्ष्य चौथे कृषि रोड मैप के जरिए बिहार को पशुधन और मत्स्य उत्पादन में और आगे ले जाना है, ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। राज्य सरकार के कृषि रोड मैप ने राज्य के आर्थिक विकास और ग्रामीण रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
वर्ष 2005 में प्रारंभ किए गए इस अभियान के तहत अब तक चार कृषि रोड मैप क्रियान्वित किए जा चुके हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इन कृषि रोड मैप के जरिए राज्य सरकार ने राज्य के किसानों और पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने का काम किया है।
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