बिहार के इन जिलों को 2029 से मिलेगी बाढ़ से राहत, लाखों हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए मिलेगा पानी
कोसी-मेची अंतर्राज्यीय नदी जोड़ो परियोजना के तहत कोसी नदी के अतिरिक्त जल को महानंदा बेसिन में भेजकर अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 2.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान की जाएगी। यह परियोजना कोसी की बाढ़ को भी कम करेगी।
कोसी-मेची अंतरराज्यीय नदी जोड़ो परियोजना 2029 तक पूरी हो जाएगी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। कोसी-मेची अंतर्राज्यीय नदी जोड़ो परियोजना के तहत कोसी नदी के अधिशेष जल को महानंदा बेसिन में पहुंचाकर चार जिलों (अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार) में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस परियोजना से 2.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी तथा कोसी नदी की बाढ़ के प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा।
इस परियोजना की कुल लागत 6282.32 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार 3652.56 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देगी। कोसी के पानी के साथ भारी मात्रा में गाद बहती है, जिसके कारण पूर्वी कोसी मुख्य नहर प्रणालियां गाद से भर जाती हैं। इस परियोजना के तहत मुख्य नहर के 1.15 किमी से 2.66 किमी तक सेटलिंग बेसिन का आधुनिकीकरण किया जाएगा, ताकि गाद की मात्रा को नियंत्रित किया जा सके।
पूर्वी कोसी मुख्य नहर की जल संवहन क्षमता 15 हजार क्यूसेक से बढ़ाकर 20 हजार क्यूसेक की जाएगी। इस परियोजना से अररिया में 69,642 हेक्टेयर, पूर्णिया में 69,970 हेक्टेयर, किशनगंज में 39,548 हेक्टेयर और कटिहार में 35,653 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
केंद्र सरकार देगी 3652.56 करोड़
उल्लेखनीय है कि अररिया जिले के फारबिसगंज, कुर्साकांटा, सिकटी, पलासी, जोकीहाट व अररिया प्रखंड, पूर्णिया जिले के बैसा, आम्र व बैसी, किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, बहादुरगंज व कोचाधामन प्रखंड, कटिहार जिले के कदवा, डंडखोड़ा, प्राणपुर, मनिहारी व अमदाबाद प्रखंड के किसान लाभान्वित होंगे।
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