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    विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में इंजीनियर सुनील से घंटों पूछताछ, महीनों बाद खुले कई राज

    By Jagran DeskEdited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 25 Jun 2025 03:09 PM (IST)

    पटना में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पिछले साल विश्वास मत से पहले जदयू विधायकों को महागठबंधन में शामिल करने के लिए मंत्री पद और 10 करोड़ रुपये का प्रलोभन देने के आरोप में इंजीनियर सुनील कुमार से तीन घंटे पूछताछ की। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ में सुनील ने कुछ सवालों के जवाब दिए।  

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    आरोपित इंजीनियर सुनील कुमार से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई। सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। पिछले साल एनडीए सरकार के विश्वास मत से पहले जदयू विधायकों को मंत्री पद और दस-दस करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर महागठबंधन में शामिल करने के मामले में मंगलवार को प्राथमिक आरोपित इंजीनियर सुनील कुमार से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई।

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    इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर इंजीनियर सुनील से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान सुनील ने कुछ सवालों के जवाब तो दिए लेकिन कई सवालों के जवाब नहीं दिए। पूछताछ के बाद ईओयू ने इंजीनियर सुनील का आधार कार्ड व अन्य पहचान पत्र अपने पास रख लिया है।

    सूत्रों के अनुसार इंजीनियर सुनील से विश्वास मत के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त में उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया लेकिन शुरुआत में उन्होंने इससे इनकार किया। मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल जैसे तकनीकी साक्ष्य पेश कर सवाल पूछे गए तो उन्होंने चुप्पी साध ली।

    सूत्रों के अनुसार जांच में विधायकों को दी जाने वाली राशि में बालू माफिया समेत अन्य अपराधियों के पैसे के इस्तेमाल की भी जानकारी मिली है इंजीनियर सुनील को डर था कि ईओयू उन्हें गिरफ्तार कर सकती है, इसलिए वे बेल की कॉपी लेकर पूछताछ के लिए पहुंचे थे।

    ईओयू सूत्रों के मुताबिक सुनील से मिली जानकारी और अन्य लोगों से पूछताछ के आधार पर आगे का सत्यापन किया जाएगा। सुनील को जल्द ही फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। मालूम हो कि मधुबनी के हरलाखी से जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने इस मामले में फरवरी 2024 में पटना के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

    एफआईआर में जेडीयू विधायक ने आरोप लगाया था कि 9 फरवरी को हाजीपुर में रहने वाले उनके रिश्तेदार रंजीत कुमार ने व्हाट्सएप कॉल किया। उन्होंने बताया कि इंजीनियर सुनील कुमार आए हैं और बात करना चाहते हैं। बात करने पर ई। सुनील कुमार ने उन्हें प्रलोभन दिया और कहा कि आप महागठबंधन के साथ आ जाइए।