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    जू की पटरियों पर फिर सरपट दौड़ेगी TOY TRAIN, रोमांचक सफर के साथ वन्य जीवों का करतब भी देखेंगे बच्चे

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 10:15 PM (IST)

    पटना जू में टॉय ट्रेन फिर से शुरू होने वाली है। दानापुर रेल मंडल के साथ 9.88 करोड़ रुपये का समझौता हुआ है जिससे नया ट्रैक बनेगा। यह ट्रेन बैटरी से चलेगी और इसमें चार डिब्बे होंगे। 40 मिनट की सैर में वन्यजीवों का दीदार होगा। 2015 से बंद पड़ी शिशु रेल का नया रूप दर्शकों को लुभाएगा।

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    जू की पटरियों पर सरपट दौड़ेगी शिशु रेल

    प्रभात रंजन, पटना। राजधानी के संजय गांधी जैविक उद्यान पटना जू में टॉय ट्रेन पटरियों पर जल्द ही सरपट दौड़ेगी। दानापुर रेल मंडल के साथ बीते वर्ष दिसंबर 2024 में एमओयू समझौता हुआ था। इसके तहत नौ करोड़ 88 लाख रुपये से नया ट्रैक बनेगा।

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    डीजल इंजन की जगह पर पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने को लेकर यह बैटरी से चलेगी। ट्रेन में चार डिब्बे होंगे। टॉय ट्रेन को लेकर पुरानी रेल पटरी को हटा कर नई पटरी बिछेगी। इस कार्य को लेकर रेलवे की ओर से जल्द निविदा निकाली जाएगी।

    ट्रेन के रास्ते में आने वाली गुफा दर्शकों को रोमांचित करेगी। 40 मिनट की सैर कर लोग वन्य प्राणियों के करतब का आनंद उठा पाएंगे। फिलहाल ट्रैक की लंबाई 3.77 किमी है। प्रत्येक डिब्बे में 20 लोगों की बैठने की क्षमता होगी।

    टॉय ट्रेन विभिन्न वन्य जीवों के केज होते हुए गैंडा हाल्ट, मछली घर हाल्ट आदि से गुजरेगी। जिस रास्ते से होकर ट्रेन गुजरेगी उसके लिए विशेष डिजायन तैयार किया जाएगा। इसके जरिए लोगों को पर्यावरण व वन्य जीवों के संरक्षण का भी संदेश दिया जाएगा।

    48 वर्ष पूर्व परिचालन हुआ था आरंभ

      पटना जू में सर्वप्रथम शिशु रेल का परिचालन 1977 में आरंभ किया गया था। जू के निदेशक हेमंत पाटिल ने बताया कि राज्य सरकार के अनुरोध पर भारतीय रेलवे द्वारा बच्चों की रेलगाड़ी एक इंजन एवं दो डिब्बे उपहार के रूप में पटना जू को दिए गए है।

    उस दौरान शिशु रेल पर्यटकों, विशेषकर बच्चों में काफी लोकप्रिय हुई थी। पटरी की लंबाई महज 1.59 किमी थी। कालांतर में शिशु रेल काफी पुरानी हो जाने के कारण इसका रख रखाव में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।

    2004 में राज्य सरकार के अनुरोध पर रेल मंत्रालय द्वारा चार डिब्बे वाली एक नई शिशु रेल को उपहार स्वरूप पटना जू को दिया गया था। अगस्त 2015 में दर्शकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से 17 अगस्त 2015 से शिशु रेल क परिचालन बंद हो गया है। शिशु रेल के परिचालन न होने से बच्चे काफी निराश होकर लौटते हैं।

    तिहासिक ट्रेन आकर्षण का केंद्र

      पटना जू में ऐतिहासिक लोगों के लिए आकर्षण केंद्र बना रहता है। ट्रेन के डिब्बे में इंजन संख्या 73 जेड बी का इतिहास लिखा है। इंजन को आरंभ में पश्चिम रेलवे बड़ौदा मंडल के डभोई स्थित नैरो गेज स्टीम लोको शेड वर्तमान में बड़ौदा मंडल में रखा गया था।

    वाष्प से चलने वाली ट्रेन आज पटना जू के लिए ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित है। भारतीय रेल ने पटना जू को उपहार स्वरूप दिया था। इसका अनावरण तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने अगस्त 2004 में किए थे।