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    Bihar Bhumi Survey: क्या बिहार में रुक जाएगा भूमि सर्वे? नीतीश सरकार ने खुद बताई सच्चाई

    Updated: Fri, 20 Sep 2024 08:45 PM (IST)

    Bihar Bhumi Survey 2024 बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि सर्वे पर रोक लगने की चर्चाओं को अफवाह बताया है। विभाग के मुताबिक अबतक 41333 मौजों में ग्राम सभा का आयोजन हो चुका है। 37974 मौजों को निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। 25 लाख लोगों ने स्वघोषणा पत्र जमा किया है जिसमें से 11 लाख लोगों ने ऑनलाइन स्वघोषणा पत्र जमा किया है।

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    भूमि सर्वेक्षण तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग।

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि सर्वेक्षण पर रोक लगने की चर्चाओं को अफवाह बताया है। साथ ही, दावा किया है कि भूमि सर्वेक्षण तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है।

    शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि अबतक कुल मौजों में से 41333 में ग्राम सभा का आयोजन हो चुका है।

    उन्होंने बताया कि निदेशालय की वेबसाइट पर 37,974 मौजों को अपलोड किया गया है। इसे वेबसाइट पर देखा भी जा सकता है।

    बैठक में राज्य के उन 43041 गांवों की समीक्षा की गई, जहां भूमि सर्वेक्षण शुरू है। अभी 445 अंचलों में स्वघोषणा का काम चल रहा है। सभी मौजों का प्रपत्र-5 यानी तेरीज लेखन जारी है। आनेवाले समय में इसमें और तेजी आएगी।

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    25 लाख लोगों ने स्वघोषणा पत्र जमा किया

    समीक्षा से पता चला कि अभी तक करीब 25 लाख लोगों ने स्वघोषणा पत्र जमा किया। ऑनलाइन स्वघोषणा पत्र जमा करने वालों की संख्या करीब 11 लाख है।

    गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में स्वघोषणा पत्र की कम संख्या के लिए दोनों जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

    इस वेबसाइट पर अपलोड करें स्वघोषणा पत्र

    सचिव ने कहा कि विभाग की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन स्वघोषणा पत्र dlrs.bihar.gov.in पर अपलोड करें। उपलब्ध कागजात ही संलग्न करें। अगर जमीन खतियानी है तो वंशावली खुद से बनाएं। कोई परेशानी नहीं होगी।

    प्रपत्र-5 की भी की गई समीक्षा

    बैठक में प्रपत्र-5 यानी खतियान का सार लिखने की भी समीक्षा की गई। 20526 मौजों में खतियान लिखने का काम शुरू है। 8737 मौजों में यह पूरा भी हो गया है।

    भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जे. प्रियदर्शिनी ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को तकनीकी रूप से दक्ष होने की नसीहत दी।

    बंदोबस्त पदाधिकारियों को बिहार सर्वे ट्रैकर ऐप की मदद से अपने कर्मियों के कार्यों का मूल्यांकन करने की निदेश दिया गया।

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