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    Captain Gauri Mahadik: मेजर पति के बलिदान के बाद पत्नी ने कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़ ज्वाइन की सेना

    By Jagran NewsEdited By: Aditi Choudhary
    Updated: Fri, 02 Dec 2022 08:23 AM (IST)

    Captain Gauri Mahadik पांच साल पहले 2017 में मेजर प्रसाद महादिक बलिदान हो गए थे। उस वक्त उनकी शादी को महज दो साल ही हुए थे। मेजर की 33 वर्षीय जांबाज प ...और पढ़ें

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    बलिदानी पति की राह चल गौरी बनीं मिसाल (गौरी महादिक। ANI)

    नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। बलिदानी पति की राह चल कैप्टन गौरी महादिक ने नारी सशक्तीरण की जबरदस्त मिसाल पेश की है। बुधवार को वे नासिक में काम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल (सीएटीएस) की उस पहली संयुक्त पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने वाले 57 अधिकारियों में से एक रहीं जिन्होंने काम्बैट एविएटर और आरपीएएस चालक दल के रूप में अपना प्रशिक्षण पूरा किया।

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    मेजर पति ने देश के लिए दिया था सर्वोच्च बलिदान

    करीब पांच साल पहले की ही तो बात है जब 2017 में भारत-चीन बार्डर पर त्वांग में उग्रवादी हमले में उनके पति मेजर प्रसाद महादिक बलिदान हो गए थे। उस वक्त उनकी शादी को महज दो साल ही हुए थे। आमतौर पर ऐसे में महिला टूट जाती है लेकिन इस 33 वर्षीय जांबाज महिला ने हिम्मत नहीं हारी। पति की मौत के दस दिन बाद ही उन्होंने निश्चय कर लिया था कि वह सेना ज्वाइन करेंगी और पति की ही तरह की यूनिफार्म और उस पर लगे स्टार पहनेंगी। फिर क्या था, वे मिशन में जुट गईं।

    सेना ज्वाइन कर पति को दी श्रद्धांजलि

    उन्होंने कंपनी सेक्रेटरी की अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और एसएसबी की परीक्षा दी। हालांकि पहली बार में उन्हें कामयाबी नहीं मिली मगर अगले प्रयास में उन्होंने न केवल परीक्षा पास की बल्कि धमाकेदार तरीके से शहीदों की विधवाओं के लिए आयोजित होने वाली विशेष एसएसबी परीक्षा में सर्वोच्च रैंक भी हासिल किया। आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में 49 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा कर गौरी ने बतौर लेफ्टिनेंट मार्च 2020 में भारतीय सेना ज्वाइन की थी। सेना ज्वाइन करते वक्त गौरी ने कहा भी था कि ‘सेना से जुड़कर मैं अपने पति को श्रद्धांजलि देना चाहती हूं। मेरी ट्रेनिंग भी चेन्नई स्थिति उसी एकेडमी में होगी, जहां मेरे पति ने ट्रेनिंग ली थी। मैं उनकी वर्दी और उनके स्टार को धारण करूंगी।’

    57 अधिकारी नई भूमिका निभाने के लिए तैयार

    एक अधिकारी ने बताया कि 57 अधिकारी काम्बैट एविएटर और आरपीएएस चालक दल के रूप में नई भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। सीएटीएस यहां गांधी नगर एयरफील्ड में स्थित है। यह सेना का प्रमुख उड़ान प्रशिक्षण संस्थान है और सेना प्रशिक्षण कमांड (एआरटीआरएसी) शिमला के तहत कार्य करता है। समारोह की अध्यक्षता आर्मी एविएशन कोर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सूरी ने की। कैप्टन नमन बंसल को ओवरआल आर्डर आफ मेरिट में प्रथम आने पर सिल्वर चीता ट्राफी से सम्मानित किया गया। मेजर अभिमन्यु गणचारी को ओवरआल बेस्ट आफ आर्मी हेलिकाप्टर इंस्ट्रक्टर के लिए मेजर प्रदीप अग्रवाल ट्राफी प्रदान की गई।