Bihar News: 30 मीटर से घटाकर 24 मीटर होगी 2 NH की चौड़ाई, जमुई बाईपास प्रोजेक्ट को सरकार ने होल्ड पर रखा
बिहार में दो राष्ट्रीय राजमार्गों, एनएच 333ए और 133ई, को 30 मीटर की बजाए 24 मीटर में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्र ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। आम तौर पर सड़क को नए सिरे से विकसित किए जाने के क्रम में ऐसा होता है कि दो लेन से उसे चार लेन में परिवर्तित किया जाता है। पर बिहार में दो एनएच क्रमश: 333 ए और 133 ई को 30 मीटर में विकसित किए जाने के फैसले को बदलकर उसे 24 मीटर में बनाए जाने का निर्णय ले लिया गया। पेव्ड सोल्जर और सर्विस लेन की चौड़ाई कम करने का फैसला लिया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि सड़क के निर्माण के लि्ए जमीन अधिग्रहण का मामला भी आगे बढ़ा। कई जगह भुगतान भी हुआ। अब जमीन अधिग्रहण के लिए मिली राशि का क्या होगा इस पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी मौन हैं। इस बारे में जब क्षेत्रीय अधिकारी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि पता कराते हैं।
सड़क की चौड़ाई कम किए जाने का फैसला सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता हुई बैठक में लिया गया है। इस बारे मे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को आधिकारिक तौर पर विभाग के माध्यम से यह रिपोर्ट दी गई कि जमीन अधिग्रहण में काफी मोटी राशि खर्च होगी, इसलिए सड़क की चौड़ाई 30 मीटर से घटाकर 24 मीटर कर दिया जाए। यही नहीं, इस प्रोजेक्ट के तहत पूर्व में स्वीकृत जमुई बाईपास को होल्ड पर रख नए एलाइनमेंट की संभावना को तलाशा जा रहा।
एनएच 333ए नवघोषित एनएच की श्रेणी में है। वर्ष 2018 में इसे अधिसूचित किया गया था। बिहार में इसकी लंबाई 198 किमी है। यह चार जिलों से होकर गुजर रही। इनमें शेखपुरा, लखीसराय, जमुई और बांका है। वर्ष 2020 में मंत्रालय ने इस सड़क के एलाइनमेंट को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी। चार जगहों पर इस सड़क के लिए बाईपास का निर्माण भी कराया जाना है। अब यह निर्णय हुआ है कि इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण कम से कम किया जाए।
एनएच 133 ई भी नवघोषित एनएच है। यह भागलपुर के समीप एनएच 33 के जंक्शन से आरंभ होता है। यह बिहारृ-झारखंड की सीमा पर भलजोर (हंसडीहा) रोड के समीप खत्म हाे रहा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसे 2022 में फोरलेनिंग की स्वीकृति प्रदान की थी। इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण मद में 150 करोड़ रुपए खर्च होने हैं।
इस बाबत यह जानकारी है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव ने पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को यह निर्देश दिया है कि सड़क का जो पेव्ड सोल्जर जो दो मीटर में बनना है उसे डेढ़ मीटर कर दिया जाए। सर्विस रोड को 5.5 मीटर कूी जगह 3.5 मीटर का कर दिया जाए। इससे 100 करोड़ रुपए की बचत जमीन अधिग्रहण मद में होगी।

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