जहां कभी खुला था चरवाहा विद्यालय वहां अब इंजीनियरिंग कालेज, सीएम नीतीश ने बदल दी तस्वीर
चकसिकंदर इंजीनियरिंग कालेज से अब बीटेक करने का सपना होगा साकार। 87.551 करोड़ की लागत से कृषि फार्म की जमीन पर बने कालेज का शुभारंभ। सीएम नीतीश कुमार ने ...और पढ़ें

डा. चंद्रभूषण सिंह शशि, हाजीपुर। जिले में जिस जमीन पर कभी चरवाहा विद्यालय खोला गया था, उस भूमि पर अब छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर अपने सपने को साकार करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चरवाहा विद्यालय की इस जगह पर राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय का शुभारंभ कर जिले के विकास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। बिदुपुर प्रखंड के चकसिकंदर स्थित मंसूरपुर कृषि फार्म के 7.5 एकड़ जमीन में इंजीनियरिंग कालेज का भव्य भवन इस इलाके में चार चांद लगा दिया है। इसी शैक्षणिक सत्र से नामांकन और बीटेक की पढ़ाई भी शुरू हो रही है।
मुख्यमंत्री ने वीसी से किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने बुधवार को पटना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग माध्यम से विधिवत उद्धाटन कर दिया है। मालूम हाे कि कार्यकारी एजेंसी भवन प्रमंडल कार्यपालक अभियंता की देखरेख में रियल्टी एडवांस स्ट्रक्चर इंटरप्राइजेज कंपनी ने वैशाली इंजीनियरिंग कालेज का भवन बनाया है। हालांकि गत मार्च में ही भवन तैयार कर विभाग को सौंप देने का लक्ष्य था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह समय पर संभव नहीं हो सका। अब इसी शैक्षणिक सत्र से यहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है। जानकारों ने बताया कि वर्ष 2018 में इसका भवन निर्माण शुरू हुआ था। मुख्यमंत्री के लगातार मानिटरिंग से कोरोना काल में आए कई अवरोध के बावजूद तीन वर्ष में ही आलीशान कालेज भवन बनकर तैयार हो गया।
कालेज परिसर में छह ब्लाक बने हैं। इन ब्लाकों में अलग-अलग नौ भवन बने हैं। इनमें प्रशासनिक, शैक्षणिक बिल्डिंग, आडोटोरियम हाल, अलग-अलग फैकल्टीज के लिए लैब-वर्कशाप, क्लासरूम के अलावा 207 कमरे वाला गर्ल्स होस्टल तथा 300 कमरे का ब्याज हास्टल का निर्माण कराया गया हैं।
इसी जमीन पर पहले खोला था चरवाहा विद्यालय
मालूम हो कि 23 दिसंबर 1991 को पहला चरवाहा विद्यालय तुर्की और चकसिकंदर के मंसूरपुर कृषि फार्म के 25 एकड़ जमीन पर खुला था। तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने अपने निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर के बिदुपुर प्रखंड स्थित चकसिकंदर में कृषि फार्म की जमीन पर चरवाहा विद्यालय खोलवाया था। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कालेज खोलने के संकल्प के तहत चरवाहा विद्यालय की जमीन पर इंजीनियरिंग कालेज बना दिया है। मुख्यमंत्री ने ही चकसिकंदर फुलपुरा में चरवाहा विद्यालय की जमीन पर इंजीनियरिंग कालेज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और निर्माण कराकर इसका उद्धाटन भी कर दिया। यह जमीन पहले कृषि विभाग की थी। लेकिन विभागीय उपेक्षा के कारण मृतप्राय कृषि फार्म को इंजीनियरिंग कालेज से अब कायाकल्प हो गया है।
इंजीनियर कालेज में इसी जुलाई से शुरू होगा सत्र
जिला मुख्यालय हाजीपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर हाजीपुर-जंदाहा एनएच 322 किनारे चकसिकंदर के मंसूरपुर कृषि फार्म की जमीन में सरकारी इंजीनियरिंग कालेज का कैंपस 7.5 एकड़ में फैला हुआ है। इसके भवन निर्माण पर 87.551 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। कैंपस में 300 बेडों का बॉयज और 200 बेड का गर्ल्स हाॅस्टल है। वहीं कालेज के प्रिंसिपल और लेक्चचर के लिए 23 क्वार्टर बनाए गए हैं। तृतीय एवं चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए 16-16 क्वार्टर का निर्माण कराया गया है। एक बड़ा सा कांफ्रेस हाल भी तैयार है। भवन निर्माण कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में तकनीकी दल ने इसका निरीक्षण किया है। तमाम निर्माण कार्यों की गुणवत्ता देखी गई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का कहना है यहां इसी सत्र से नामांकन होगा और अब यहां से छात्र-छात्राएं सभी ट्रेड में बीटेक कर सकेंगे।

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