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आखिर क्‍या है बिहार सशस्‍त्र पुलिस बल विधेयक 2021, जिसपर सदन के इतिहास में काला अध्‍याय जुड़ा

बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) के लिए बिहार सरकार ने एक नया विधेयक पेश किया तो राजद डर दिखा रहा कि इससे पुलिस निरंकुश हो जाएगी। सीएम नीतीश का कहना है कि सशस्त्र पुलिस का दायरा बढ़ रहा जबकि राजद के अपने तर्क हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 10:07 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 08:47 PM (IST)
आखिर क्‍या है बिहार सशस्‍त्र पुलिस बल विधेयक 2021, जिसपर सदन के इतिहास में काला अध्‍याय जुड़ा
सदन में पुलिस और विधायकों के बीच हाथापाई। जागरण फोटो।

पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) के लिए बिहार सरकार ने एक नया विधेयक पेश किया, तो राजद डर दिखा रहा कि इससे पुलिस निरंकुश हो जाएगी। इस बिल को पास होने से रोकने के लिए राजद सहित विपक्षी दलों के विधायकों ने जबरदस्‍त हंगामा किया। हंगामा रोकने को सदन के इतिहास में पहली बार पुलिस आई और विधायकों से मारपीट हुई।

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दरअसल, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 बिहार सैन्य पुलिस को नई पहचान और अधिकार देने के लिए लाया गया है और राजद इसे राज्य की सामान्य पुलिस के अधिकारों में वृद्धि के तौर पर प्रचारित कर विरोध जता रहा। राजद नेता तेजस्वी का आरोप है कि बिना वारंट पुलिस कहीं भी चली जाएगी। पहले ही पुलिस लोगों को परेशान करती है, अब अधिकार बढ़े, तो आम लोगों को पुलिस और डराएगी। भयादोहन करेगी। जबकि राज्य सरकार का तर्क है कि यह सिर्फ सशस्त्र पुलिस बल  से जुड़ा विषय है और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर बिहार सशस्त्र पुलिस बल को अधिकार मिल रहे हैं।

क्या हैं इस विधेयक में प्रवधान :

  • यह बिहार सैन्य पुलिस को अधिक अधिकारों से लैस करेगा।
  • विधेयक में एक शीर्षक है-बिना वारंट तलाशी लेने की शक्ति।
  • इसमें विशेष सशस्त्र पुलिस बल के सक्षम अधिकारी को किसी घटना के बाद आशंका के आधार पर संदेहास्पद व्यक्ति की तलाशी और गिरफ्तारी कर सकता है।
  • ऐसा करने के बाद वह गिरफ्तार व्यक्ति को अगली कानूनी कार्रवाई के लिए निकट के थाना को सौंप देगा।
  • प्रतिष्ठान की सुरक्षा में तैनात अधिकारी को बिना वारंट और बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाएगा।

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क्यों लाया गया

  • यह विधेयक बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) को स्वतंत्र अस्तित्व देने के लिए है।
  • विधेयक पारित होने के बाद सैन्य पुलिस का नाम बदल कर विशेष सशस्त्र पुलिस हो गया है।
  • किसी अन्य राज्य की पुलिस के साथ मिलिट्री नहीं जुड़ा हुआ है।
  • अत: नाम में एकरूपता के लिए भी यह विधेयक लाया जा रहा है।

 क्यों चाहिए अधिक शक्ति

  • विधेयक में बताया गया है कि राज्य में सशस्त्र पुलिस बल का दायरा बड़ा हो रहा है।
  • पहले इसकी भूमिका कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण के लिए बिहार पुलिस की मददगार की थी।
  • बदले हालत में उसकी भूमिका बढ़ी है। अब इसे औद्योगिक इकाइयां, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, हवाई अड्डा, मेट्रो, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के केंद्रों की सुरक्षा की जिम्मेवारी भी दी गई है।
  • इसलिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तरह बिहार सशस्त्र पुलिस को भी गिरफ्तारी और तलाशी की शक्ति देने की आवश्यकता है।
  • यह विधेयक इस बल को स्वतंत्र पहचान, नियम और अधिकार देगा।

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