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    गीले कचरे से बनेगी खाद, सूखा कचरा होगा रिसाइकिल

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 15 Jul 2018 08:00 AM (IST)

    डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव को लेकर शहर में चार जगहों पर कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन बनेंगे।

    गीले कचरे से बनेगी खाद, सूखा कचरा होगा रिसाइकिल

    पटना । डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव को लेकर शहर में चार जगहों पर कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाएंगे। प्रत्येक अंचल में यह एक-एक होगा। इसके लिए नगर निगम की ओर से निविदा प्रक्रिया की जा रही है। इससे घर-घर से वाहन के माध्यम से कचरा उठाने के बाद सीधे कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन आएगा। वहां से कचरे को कॉम्पैक्ट कर रामाचक बैरिया भेजा जाएगा। वार्डो में चलने वाले ट्विन ऑटो टिपर में नीले और हरे रंग के डस्टबिन होंगे। इसमें लोग गीला और सूखा कचरा डालेंगे। गीले कचरे से वर्मी कंपोस्ट, खाद, बिजली आदि का निर्माण हो सकेगा। जबकि सूखे कचरा को रिसाइकिल कर उपयोग किया जा सकता है। खाद, बिजली और रिसाइकिल के लिए प्रक्रिया अगले चरण में होगी। वर्तमान में बांकीपुर अंचल में कचरा पिट बनाया गया है। इसमें गीले कचरे से वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा सकेगा।

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    हरे डस्टबिन में सब्जी व फल के छिलके :

    हरे रंग के डस्टबिन में सब्जी, फल व अंडे के छिलके रखे जाएंगे। खाने के बाद बची सामग्री को भी इसी में डालना होगा। चिकेन और मछली से निकली हड्डिया, सड़े हुए फल और सब्जी, चायपत्ती और कॉफी के अवशेष, पेड़ों के नीचे गिरी पत्तिया, सड़क पर बिखरे फूल-पत्ती आदि को हरे डस्टबिन में रखना है।

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    नीले डस्टबिन में सूखा कचरा :

    नीले डस्टबिन में प्लास्टिक कवर, बॉटल, बक्से, मेमोरी कार्ड (चिप), टॉफी रैपर, प्लास्टिक कप, दूध-दही पैकेट आदि रखने हैं। इसके अतिरिक्त समाचार पत्र-पत्रिका, स्टेशनरी, कार्डबोर्ड कॉर्टन, पिज्जा बॉक्स, टेट्रा पैक (जूस, दूध, माजा की पैकिंग), कागज के कप और प्लेट रखे जाएंगे। धातु से बनी खाना पैक करने वाली कटोरी, धातु के कैन भी इसी डस्टबिन में रखे जाएंगे। इसके अतिरिक्त रबर, थर्मोकोल, डस्टर, रुई, गद्दे, कॉस्मेटिक्स, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी के अवशेष, बाल, नारियल के छिलके भी इसी में रखे जाएंगे।