बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में खुलेंगे वेलनेस सेंटर, पहले चरण में इन जिलों में होगी स्थापित
बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने 24 इंजीनियरिंग और 28 पॉलिटेक्निक संस्थानों में ये सेंटर खोलने के निर्देश दिए हैं। इन सेंटरों में छात्रों शिक्षकों और कर्मचारियों को चिकित्सीय सुविधाएं मिलेंगी जिससे उन्हें इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। पहले चरण में कई जिलों में वेलनेस सेंटर खुलेंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों व पॉलिटेक्निक संस्थानों और संबद्ध कॉलेजों के परिसर में वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे, जहां छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों का इलाज होगा। वेलनेस सेंटर में सभी चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
शिक्षा विभाग और विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रथम चरण में 24 इंजीनियरिंग कॉलेजों और 28 पॉलिटेक्निक संस्थानों तथा 34 संबद्ध कॉलेजों में वेलनेस सेंटर स्थापित करने का निर्देश संबंधित सिविल सर्जन को दिया है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने संबंधित संस्थानों में वेलनेस सेंटर के लिए जगह उपलब्ध कराने का निर्देश प्राचार्यों को दिया है।
वहीं, राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक सुहर्ष भगत ने वेलनेस सेंटर स्थापित करने के संबंध में संबंधित सिविल सर्जन को निर्देश जारी कर दिया है। वेलनेस सेंटर स्थापित हो जाने के बाद छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को इलाज के लिए परिसर से बाहर भटकने की जरूरत नहीं होगी।
पहले चरण में जिन जिलों में वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे, उनमें पटना, गया और मुजफ्फरपुर में दो-दो तथा बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, मोतिहारी, जमुई, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मुंगेर, नवादा, पूर्णिया, सहरसा और छपरा में एक-एक वेलनेस सेंटर शामिल हैं।
नालंदा, सारण, सीवान, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, भोजपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया, कटिहार, किशनगंज, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, शेखपुरा और जमुई जिलों के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार सिविल सर्जन को वेलनेस सेंटरों में प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती और उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है, ताकि सरकारी घोषणा के अनुसार छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों का निःशुल्क इलाज संभव हो सके।
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