Weather Update: बिहार में मानसून फिर से एक्टिव, आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी; पटना में बदला मौसम
Bihar Weather Update पटना समेत बिहार के 18 जिलों में मेघ गर्जन के साथ वर्षा के आसार। आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी। मौसम विज्ञान विभाग ने अगले एक हफ्ते के लिए जारी किया पूर्वानुमान। वज्रपात का भी रहेगा खतरा

पटना, जागरण संवाददाता। Weather Update: सितंबर के महीने में मानसून बिहार पर अधिक मेहरबान होता दिख रहा है। राज्य के सूखा प्रभावित जिलों में मानसून के आखिरी दौर में अच्छी बारिश हो रही है। पटना समेत बिहार के 18 जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ हल्की वर्षा की संभावना है। वहीं प्रदेश के आठ जिलों के रोहतास, कैमूर , औरंगाबाद, गया, नवादा, भागलपुर, जमुई, बांका में भारी वर्षा की चेतावनी अगले दो दिनों के लिए मौसम विज्ञान केंद्र ने जारी की है।
अगले दो दिनों तक वर्षा से मिलेगी राहत
प्रदेश में अगले दो दिनों तक भारी वर्षा से लोगों को राहत मिलेगी। सोमवार को राजधानी समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में हल्की वर्षा के कारण मौसम सुहाना बना रहा है। सोमवार को राजधानी का अधिकतम तापमान में सामान्य से एक डिग्री की गिरावट के साथ 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं 38.8 डिग्री सेल्सियस के साथ सुपौल प्रदेश का गर्म शहर दर्ज किया गया। राजगीर में 36.8 मिमी एवं राजधानी में 0.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
बिहार के इन जिलों में हुई वर्षा
राजगीर में 36.8 मिमी, कटोरिया में 30, नौहट्टा में 29.2, रजौली में 27.2, चंदन में 25.8, बेलहार में 18.6, बौसी में 17.4, संग्रामपुर में 16.8, झाझा में 16.4, कौआकोल में 16.2, गोगरी में 15.8, उदयी किशनगंज में 15.2, बांका में 14.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमान
- पटना 31.4
- गया 30.3
- भागीलपुर 31.6
- मुजफ्फरपुर 31.8
- औरंगाबाद 30.1
- (अधिकतम तापमान डिग्री सेल्सियस में)
अगले 10 दिनों तक हल्की वर्षा से किसान को राहत
मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश में अगले 10 दिनों तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा का पूर्वानुमान बताया है। मौसम विज्ञानी संजय कुमार की की मानें तो मानसून में बदलाव के कारण प्रदेश में मानसून सक्रिय रहेगा। किसानों के लिए खेती-किसानी में वर्षा से राहत मिलेगी। प्रदेश के अधिकांश जिलों में मानसून सीजन के दौरान औसत से कम वर्षा हुई जिसके कारण खरीफ फसलों के लिए कृत्रिम ङ्क्षसचाई की व्यवस्था करनी पड़ी। वहीं वर्षा के दौरान अधिकांश जगहों पर वज्रपात और ठनका गिरने की संभावना बढ़ सकती है।
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