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    Bihar Weather: दिन में कड़ी धूप, रात के तापमान में गिरावट लगातार जारी; आज पटना में बूंदाबांदी की संभावना

    By Amrendra TiwariEdited By: Mukul Kumar
    Updated: Mon, 23 Oct 2023 07:56 AM (IST)

    पटना समेत प्रदेश का मौसम आमतौर पर शुष्क बना रहेगा। विजयादशमी के दिन पटना व आसपास इलाकों में सुबह के समय हल्का कोहरा छाए रहने के साथ शाम में बिजली चमकने के साथ हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बने होने के कारण मौसम में बदलाव आएगा।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण टीम, पटना/मुजफ्फरपुर। मौसम में बदलाव का क्रम जारी है। दिन में कड़ी धूप हो रही है तो शाम ढलते ही तापमान में तेजी से गिरावट देखने को मिल रहा है। रविवार की बात करें तो अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से 0.7 डिग्री सेल्सियस रहा।

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    न्यूनतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस कम रहा। इस तरह से देखा जाए तो दिन और रात के तापमान में करीब 13 डिग्री सेल्सियस का अंतर दिखा।

    वहीं दूसरी ओर जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरीय मौसम विज्ञानी डा.ए सतार ने लगातार मौसम परिवर्तन को देखते हुए किसानों को फसल चक्र में बदलाव का सुझाव दिया है। उन्होंने 25 नवम्बर तक गेहूं की बुआई खत्म करने के लिए कहा है।

    इसके अलावा, आज पटना समेत प्रदेश का मौसम आमतौर पर शुष्क बना रहेगा। विजयादशमी के दिन पटना व आसपास इलाकों में सुबह के समय हल्का कोहरा छाए रहने के साथ शाम में बिजली चमकने के साथ हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बने होने के कारण मौसम में बदलाव आएगा।

    बुआई के समय में करें परिवर्तन

    जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरीय मौसम विज्ञानी डा.ए सत्तार ने बताया कि अनियमित मानसून को ध्यान में रखते हुए खेती करने की जरूरत है। रबी में गेहूं के साथ मक्के की बुआई पर शोध में पाया गया कि 25 नवम्बर तक हर हाल में बुआई समाप्त कर लें।

    उस तिथि तक बुआई कर ली जाए तो पौधे में फूल तथा परिपक्वता की अवस्था में विपरीत मौसम के कुप्रभाव को कम किया जा सकता है। उसी तरह से रबी मक्का बुआई का समय 10 से 30 नवम्बर के बीच माना गया है।

    मौसम चक्र में हो रहा बदलाव

    मौसम विज्ञानी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चक्र में बदलाव हो रहा है। एक अध्ययन के मुताबिक पिछले तीस साल का औसत अधिकतम तापमान 31 डिग्री रहता था। इधर 10 साल में औसत अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री के आसपास चल रहा है। पिछले तीस साल की औसत वर्षा 1222.8 मिमी रही।

    इधर, दस साल का औसत 850.6 मिमी रही। उसी तरह 30 साल की औसत बारिश दिवस 56 दिन थी। पिछले 10 साल में यह 46 दिन हो गई। बदलते मौसम चक्र को देखते हुए कृषि चक्र में बदलाव की जरूरत है।

    डा.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग की ओर से शोध में यह बात सामने आई है कि पहले की तुलना में कम बारिश हो रही है। अनियमित रूप से हो रही है।

    ठंड के मौसम में बारिश नहीं होना व किसी भी तरह की मौसमीय घटना जैसे पश्चिम विक्षोभ या निम्न दवाब का क्षेत्र नहीं बनने से अचानक तापमान में बढ़ोतरी होती है।

    इसका प्रभाव रबी के फसल खासकर गेहूं पर ज्यादा पडता है। मौसम विज्ञानी डा.गुलाब सिंह ने बताया की अभी वही हो रहा है। गेहूं में फूल बनने से लेकर परिपक्यता की हालत में अनुकुल तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए।

    शीतकालीन वर्षा की स्थिति

    साल---दिसम्बर---जनवरी-----फरवरी

    2022-23---00----00--------00

    2021---22---07---4.6----29.6

    2020-21----00---00----00

    2019---20----22----6.2----24

    2018---19---00--1.2---25.4

    2017---18----00---00--00

    2015--16---00--00--2.8

    2014--15--00--8.4---1.2

    2013---14----00---9.5--32.4

    2012--13---00--12.2---30.6

    2011--12--00---41.0---00

    2010--11---00---2.6---11.5

    2009--10--5.4---00---3.4

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