Alert! Patna Air & Water Pollution: सांसों पर पहरा-पीने का पानी भी बना खतरनाक
Alert! Patna Air Water Pollutionअगर आप पटना में रहते हैं तो जान लीजिए कि यहां का पानी और हवा इतनी प्रदूषित हैं कि वो आपको गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती हैं।
पटना, जेएनएन। Alert! Patna Air & Water Pollution पटना में हवा के साथ-साथ पानी भी दूषित है। देश के सबसे खतरनाक पानी वाले टॉप-10 शहरों में शामिल होने के बाद पटना के पानी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है, तो वहीं पटना की हवा अभी भी सेहत के लिए काफी खराब है।
पटना का पानी पीने लायक नहीं, हवा भी दूषित
यह पहला मौका नहीं है, जब पटना के पानी में खतरनाक बैक्टीरिया होने की बात सामने आई है। इससे पहले भी पटना के पानी में ई-कोलाई, कोलीफॉर्म ग्रुप के बैक्टीरिया और सिडोमोनास बैक्टीरिया के मिलने की पुष्टि हुई है।वहीं, अगर पटना की हवा की गुणवत्ता की बात करें तो छठ महापर्व के बाद पटना सहित गया और मुजफ्फरपुर की हवा में प्रदूषण का स्तर घटा है, लेकिन सेहत के लिए अभी भी बहुत खराब स्तर पर है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार पीएम2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम होना चाहिए, लेकिन पटना में रविवार को 309 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया है।
गंगा का पानी छूने के लायक भी नहीं
राजधानी के प्रतिष्ठित एएन कॉलेज की ओर से करीब दो वर्ष पहले राजधानी के चापाकल व नल के साथ गंगा के पानी का भी सैंपल लिया गया था। इसमें बताया गया था कि यह पीने योग्य ही नहीं, छूने के लायक भी नहीं है। इन पानी में सिडोमोनास जैसे खतरनाक बैक्टीरिया हैं। इससे ग्रसित मरीज पर नॉर्मल दवा असर नहीं करती है। इससे सेप्टीसीमिया, टायफाइड फीवर, बी-कोलाई, पेट की गड़बड़ी सहित कई अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
पटना के इन इलाकों में पीने का पानी है खतरनाक
एएन कॉलेज के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के शोधकर्ता डॉ. मनीष कंठ ने बताया कि विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार सिंह के निगरानी में बीते अगस्त में नयाटोला, फुलवारीशरीफ, बोरिंग रोड, शिवपुरी, कंकड़बाग, राजापुर पुल, आकाशवाणी, आशियाना रोड, खाजपुरा, इंद्रपुरी, कंकड़बाग व राजेंद्रनगर से पानी के 26 से अधिक नमूने लिए गए थे। इसमें 17 नमूने पीने योग्य नहीं मिले। इनमें कोलीफॉर्म, इंटेरोबैक्टीरिया, क्लेबसिला, सालमोनेला आदि पाए गए हैं, जो काफी खतरनाक है।
हवा में अब भी है वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
बता दें कि पटना में छठ महापर्व के पहले एक नवंबर को पीएम2.5 का स्तर 357 माइक्रोग्राम था। तीन नवंबर को अचानक बढ़कर 448 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पहुंच गया था। नवंबर के पहले सप्ताह में पटना के पीएम2.5 का स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया था।
नवंबर के दूसरे सप्ताह में धीरे-धीरे पीएम2.5 का स्तर घटकर 309 पहुंच गया। रविवार को गया का पीएम2.5 का स्तर 188 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। मुजफ्फरपुर का पीएम2.5 स्तर 315 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा।
पटना में वायु प्रदूषण पीएम2.5 प्रति घनमीटर में
तिथि - सामान्य - दर्ज
17 नवंबर - 60 - 309
16 नवंबर - 60 - 306
15 नवंबर - 60 - 342
14 नवंबर - 60 - 389
13 नवंबर - 60 - 367
12 नवंबर - 60 - 342
11 नवंबर - 60 - 333
10 नवंबर - 60 - 312
09 नवंबर - 60 - 294
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