Bihar News: बिहार के मतदाता नोटा के प्रयोग में देश भर में अव्वल, चुनाव में इनपर रहा फोकस तो बदल जाएगा 'खेल'
बिहार के मतदाताओं में राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों को मत करने के प्रति उदासीनता बड़ी चुनौती बनती जा रही है। लोकसभा चुनाव 2019 में देश के सभी राज्यों की तुलना में नोटा बटन का प्रयोग सबसे अधिक बिहार के मतदाताओं ने किया था। बिहार की कुल 40 सीटों पर चुनाव में कुल मतों का दो प्रतिशत मत नोटा के पक्ष में पड़े थे।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के मतदाताओं में राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों को मत करने के प्रति उदासीनता बड़ी चुनौती बनती जा रही है। लोकसभा चुनाव 2019 में देश के सभी राज्यों की तुलना में नोटा बटन का प्रयोग सबसे अधिक बिहार के मतदाताओं ने किया था।
चुनाव आयोग के आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। बिहार की कुल 40 सीटों पर चुनाव में कुल मतों का दो प्रतिशत मत नोटा के पक्ष में पड़े थे। इतना अधिक मतदान किसी राज्य के मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में नहीं किया था। ऐसे में आने वाले दिनों में मतदातओं की यह प्रवृत्ति राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।
उदासीनता दूर करने में दलों को करनी होगी पहल
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नोटा के प्रति मतदाताओं का रूझान ठीक नहीं है। बिहार के मतदाता मतदान करने बूथ तक तो जा रहे हैं पर वह किसी दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान नहीं कर नोटा को वोट कर रहे हैं। राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों के प्रति इस उदासीनता को दूर करने की बड़ी चुनौती राजनीतिक दलों पर आ गई है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव 2019 के सभी राज्यों में नोटा के पक्ष में डाले गए मतों का विवरण जारी किया गया है। हालांकि सभी राज्यों में नोटा के पक्ष में मतदान किया गया था पर इसमें बिहार में सर्वाधिक दो प्रतिशत मतदाता एवं कुल आठ लाख 16 हजार 950 मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया था।
किस राज्य में कितने वोटर्स ने दबाया नोटा बटन?
बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर कुल चार करोड़ आठ लाख 30 हजार 453 मतदाताओं ने मतदान किया था। अब अन्य राज्यों से नोटा का तुलना करें तो आध्रप्रदेश में 1.48 प्रतिशत, गुजरात में कुल मतदान का 1.38 प्रतिशत, तमिलनाडु में 1.27 प्रतिशत और झारखंड में 1.27 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था।
इसके अलावा, पंजाब में 1.12 प्रतिशत, राजस्थान में 1.01 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 0.84 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 0.96 प्रतिशत, कर्नाटक में 0.71 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 0.92 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 0.90 प्रतिशत, नागालैंड में 0.20 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया था। वहीं, राष्ट्रीय औसत 1.06 प्रतिशत रहा था।
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