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    नेपाली, बांग्लादेशी और रोहिंग्या वोटरों का कटेगा नाम, सीमांचल को लेकर RJD-कांग्रेस की उड़ी नींद

    बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान के दौरान नेपाली बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों के नाम काटे जाने की आशंका है। विपक्ष को डर है कि उनके समर्थक मतदाताओं के नाम भी कट सकते हैं क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज जमा कराने में असमर्थ हो सकते हैं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जांच के बाद अवैध मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए जाएंगे।

    By Raman Shukla Edited By: Piyush Pandey Updated: Mon, 14 Jul 2025 05:06 AM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव अबकी बार कई मायने में नई इबारत लिखेगा। अंदेशा है कि मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण अभियान में घुसपैठ कर पिछले कई चुनाव से मतदान करने वाले नेपाली, बांग्लादेशी, एवं रोहिंग्या का नाम मतदाता सूची से कट जाएगा।

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    विपक्षी दल (राजद-कांग्रेस) की नींद सीमांचल को लेकर उड़ी है। पिछले चुनाव में सीमांचल में उसे सात सीटों पर जीत मिली थी। पांच सीटों पर असद्दुदीन ओवैसी की एआईएमआईएम विजयी रहा था।

    इन दलों को अपने समर्थक वैसे मतदाताओं के नाम मतदाता-सूची से कटने की आशंका है, जो निर्वाचन आयोग की कसौटी वाले दस्तावेज शायद ही जमा करा पाएं।

    बड़ी संख्या में नेपाली, बांग्लादेशी और म्यांमार के लोग

    अब विवाद इस बात को लेकर है कि चुनाव आयोग की ओर से घर-घर कराए गए मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) में बीएलओ को बड़ी संख्या में नेपाली, बांग्लादेशी एवं म्यांमार से आए लोग बड़ी संख्या में मतदाता सूची में नाम जुड़वाने में सफल रहे हैं।

    अंतिम सूची से कट जाएगा नाम

    ये लोग आधार, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड आदि सभी दस्तावेज प्राप्त करने में सफल रहे हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि 25 जून से 25 जुलाई के बीच भरे गए गणना प्रपत्र की पहली अगस्त से 30 अगस्त तक की जाने वाली समुचित जांच के उपरांत, यदि बीएलओ एवं अन्य अधिकारियों दावे सही पाए जाते हैं, तो ऐसे नामों को 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होने वाली अंतिम सूची में सम्मिलित नहीं किया जाएगा।

    राजनीतिक जमीन बचाने का प्रयास

    इसी अंदेशा को आधार बनाकर विपक्ष चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की शरण में है। बिहार बंद करा चुका है। बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लगातार महागठबंधन के नेता पटना से दिल्ली तक लगातार अपनी राजनीतिक जमीन बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

    अब समाधान यह है कि आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होने वाली अंतिम सूची में इन विदेशी मतदाताओं की संख्या भी सार्वजनिक कर आयोग मतदाता सूची से ऐसे लोगों का नाम काट देगा। विपक्ष ऐसे ही मतदाताओं के नाम को बचाने के लिए लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहा है।