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दलितों के भारत बंद के दौरान बिहार में जगह-जगह हिंसा, नवजात सहित दो की मौत

एससी-एसटी एक्‍ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में दलित संगठनों का भारत बंद बिहार में असरदार रहा। बंद समर्थकों ने जगह-जगह हिंसा फैलाई।

By Amit AlokEdited By: Updated: Tue, 03 Apr 2018 09:58 PM (IST)
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दलितों के भारत बंद के दौरान बिहार में जगह-जगह हिंसा, नवजात सहित दो की मौत
style="text-align: justify;">पटना [जागरण टीम]। भारत बंद कराने निकले दलित संगठनों और उनके राजनीतिक दलों के लोगों ने बिहार में भारी बवाल किया। राजद, कांग्रेस, हम, रालोसपा, भाकपा, माकपा एवं अन्य दलों के समर्थन के कारण पटना समेत प्रमुख शहरों और जिला मुख्यालयों में स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहे। दुकान-प्रतिष्ठान खोलने की कोशिश हुई तो बंद समर्थक उग्र हो गए। बंद में एंबुलेंस फंसने से हाजीपुर में नवजात बच्चे की मौत हो गई। उधर, बक्सर से इलाज के लिए दिल्ली जा रही एक महिला की स्टेशन पर फंसी ट्रेन में मौत हो गई। आगजनी, मारपीट, हमले और हथियारों के साथ प्रदर्शन से माहौल तनावपूर्ण रहा।
पटना में नेता उतरे सड़कों पर
राजधानी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने अलग-अलग ढंग से बंद कराने वालों का नेतृत्व किया। अनियंत्रित आंदोलनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। ट्रेनें, एंबुलेंस और स्कूली बसें भी रोकी गईं। सड़क जाम कर उत्पात मचाया गया। डराया-धमकाया गया। राजधानी समेत कई शहरों-कस्बों में पांच-छह घंटे तक जनजीवन ठहर सा गया। बांका के बेलहर में पुलिस और बंद समर्थकों के बीच झड़प की खबर है। मुजफ्फरपुर में भी कई घायल हो गए।
जज को कोर्ट जाने से रोका
आंदोलनकारियों ने जमुई में जिला जज को कोर्ट जाने से रोका। कटिहार के मनिहारी में अधिवक्ता संघ भवन में घुसकर तोडफ़ोड़ की गई, जिसके कारण अधिवक्ताओं को भागना पड़ा। समस्तीपुर के दलसिंहसराय कोर्ट परिसर में पथराव हुआ। इसमें कई घायल हैं।
शिवहर में आगजनी के बाद समाहरणालय गेट तोडऩे की कोशिश हुई। सुपौल में झड़प के विरोध में सभी पेट्रोल पंप बंद हो गए। सहरसा में राहगीरों से हाथापाई हुई, जिसमें तीन घायल हो गए। समाहरणालय के मुख्य द्वार को तोड़कर प्रदर्शनकारी अंदर घुस गए। खगडिय़ा में उग्र बंद समर्थकों पर दुकानदारों ने हमला बोल दिया। इसमें माले के जिला संयोजक अरुण दास गंभीर घायल हो गए।
हाजीपुर में आगजनी
बंद समर्थकों ने हाजीपुर में कुछ ज्यादा ही उत्पात मचाया। इस दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों से झड़प भी हुई। एक कोङ्क्षचग संस्थान के शिक्षकों-छात्रों की पिटाई कर दी गई। दोनों ओर से रोड़ेबाजी हुई। कोङ्क्षचग की कुर्सी-बेंचों एवं छात्रों की साइकिलें में आग लगा दी गई।
बेतिया स्टेशन पर तोडफ़ोड़ एवं मारपीट हुई। मोतिहारी में वाहनों को क्षति पहुंचाई गई। झड़प में 18 घायल हो गए। सीतामढ़ी में पुलिस पर रोड़ेबाजी हुई। इसमें दारोगा घायल हो गया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। दो दर्जन पकड़े गए।
ट्रेन सेवा निशाने पर
प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेनें रोकी गईं। पटना-गया रेलखंड के जहानाबाद में सात बजे ही जन शताब्दी को रोक दिया गया। दरभंगा जंक्शन पर हंगामा व पथराव हुआ। जोगियारा स्टेशन पर एक बंद समर्थक का सिर फटा। मंडी में मारपीट में छह जख्मी हो गए। मधुबनी में गंगा एक्सप्रेस एवं मोतीपुर में मिथिला एक्सप्रेस रोक कर रोड़ेबाजी की गई।
राजधानी में दहशत का माहौल
पटना में सुबह आठ बजे से ही बंद का असर दिखने लगा। शाम तीन बजे तक राजधानी की अधिकतर दुकानें बंद रहीं। प्रमुख सड़कों पर धरना देकर और बांस-बल्ले लगाकर यात्रियों को रोका जा रहा था। अभद्रता भी की गई। नाबालिग भी हाथों में डंडे-पैने लेकर सड़कों पर अड़े-खड़े थे। जबरन रोके जाने से लोग डरे-सहमे नजर आए। मिन्नतें भी अनसुनी कर दी जा रही थीं।
उपद्रव करने वाले 3619 गिरफ्तार
पुलिस ने पूरे प्रदेश से 3619 लोगों को गिरफ्तार किया। सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर में 25 सौ लोगों की गिरफ्तारी हुई है। कैमूर से छह सौ, दरभंगा से 480 एवं पटना से 35 लोगों को पकड़ा गया है।
तेजस्वी-मांझी ने बढ़ाया हौसला
पटना में 11.30 बजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, विधायक तेजप्रताप यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी समेत कई नेता दलबल के साथ उतर आए। राजद कार्यालय से आयकर गोलंबर होते हुए डाकबंगला चौराहा पहुंचे, जहां मांझी का साथ मिला। आयकर गोलंबर पर पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी भी समर्थकों के साथ धरना पर बैठे थे।
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